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WHO महानिदेशक भारत क्यों आ रहे हैं, इस रिपोर्ट को पढ़ें और जानें वर्ल्ड कम्युनिटी की PM Modi में दिलचस्पी की वजह

WHO महानिदेशक की भारत यात्रा के निहितार्थ

विश्व स्वास्थ्य संगठन के महानिदेशक टेड्रॉस घेब्रेयसस के भारत दौरे के पीछे क्या राजनीति है? क्या घेब्रेयसस केवल भारत की स्वास्थ्य सेवाओँ क आकंलन करने आ रहे हैं? क्या घेब्रेयसस पीएम मोदी से बहुत प्रभावित हैं इसलिए अपनी भारत यात्रा गुजरात से शुरू कर रहे हैं? या घेब्रेयसस भारत की आयुर्वेद के चमत्कार देखने आ रहे हैं? घेब्रेयसस की भारत यात्रा के पीछे ये कारण तो हो ही सकते हैं इनके अलावा एक कारण यह भी है कि घेब्रेयसस यह भी देखने आ रहे हैं कि भारत की मोदी सरकार के विकास के दावों को परखेंगे और और दलितों और मुसलमानों की स्थिति पर साइड लाइन पर देखेंगे? ध्यान रहे, अमेरिका में टू बाय टू मीटिंग में अमेरिका ने भारत को मानवाधिकार उल्लंघन पर टेढ़ी नजर से देखा था। हालांकि भारत के विदेश मंत्री डॉक्टर एस. जयशंकर ने अमेरिकी काउंटर पार्ट को ऐसा जवाब दिया कि बगले झांकने को विवश थे।

बहरहाल, हम बात कर रहे हैं घेब्रेयसस की भारत यात्रा की, इस दौरान विश्व स्वास्थ्य संगठन के महानिदेशक टेड्रॉस घेब्रेयसस कुछ कार्यक्रमों में पीएम मोदी के साथ मौजूद रहेंगे। प्रधानमंत्री 19 अप्रैल को दोपहर करीब साढ़े तीन बजे जामनगर में WHO ग्लोबल सेंटर फॉर ट्रेडिशनल मेडिसिन (जीसीटीएम) का शिलान्यास करेंगे। इस अवसर पर मॉरिशस के प्रधानमंत्री प्रविंद कुमार जगन्नाथ और विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के महानिदेशक डॉ टेड्रॉस घेब्रेयसस भी उपस्थित रहेंगे। जीसीटीएम दुनियाभर में पारंपरिक चिकित्सा के लिए पहला और एकमात्र वैश्विक आउटपोस्ट केंद्र होगा। यह वैश्विक स्तर पर स्वास्थ्य के एक अंतरराष्ट्रीय सेंटर के रूप में उभरेगा। गुजरात के गांधीनगर में होने वाले वैश्विक आयुष निवेश और नवाचार शिखर सम्मेलन का उद्घाटन प्रधानमंत्री 20 अप्रैल को सुबह करीब 10 बजकर 30 मिनट पर करेंगे।

गांधीनगर में वैश्विक आयुष निवेश और नवाचार शिखर सम्मेलन के अवसर पर मॉरीशस के प्रधानमंत्री और WHO के महानिदेशक भी मौजूद रहेंगे। इस तीन दिवसीय शिखर सम्मेलन में करीब 90 प्रख्यात वक्ताओं और 100 प्रदर्शकों की उपस्थिति के साथ 5 पूर्ण सत्र, 8 गोलमेज सम्मेलन, 6 कार्यशालाएं और 2 संगोष्ठियों का आयोजन किया जाएगा। शिखर सम्मेलन निवेश क्षमता को उजागर करने में मदद करेगा और नवाचार, अनुसंधान और विकास, स्टार्ट-अप, इको सिस्टम और कल्याण उद्योग को बढ़ावा देगा। यह उद्योग जगत प्रमुखों, शिक्षाविदों और विद्वानों को एक साथ लाने में मदद करेगा और भविष्य के सहयोग के लिए एक मंच प्रदान करने के रूप में कार्य करेगा।

प्रधानमंत्री 20 अप्रैल को दाहोद में आदिजाति महासम्मेलन में भी हिस्सा लेंगे। जहां वह लगभग 22,000 करोड़ रुपये की विभिन्न विकास परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास करेंगे। वह दाहोद जिला दक्षिणी क्षेत्र में क्षेत्रीय जल आपूर्ति योजना का उद्घाटन करेंगे, जो नर्मदा नदी बेसिन पर लगभग 840 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित है। यह दाहोद जिले और देवगढ़ बरिया शहर के लगभग 280 गांवों की जलापूर्ति की जरूरतों को पूरा करेगी। प्रधानमंत्री करीब 335 करोड़ रुपये की दाहोद स्मार्ट सिटी की पांच परियोजनाओं का भी उद्घाटन करेंगे। इन परियोजनाओं में इंटीग्रेटेड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर (आईसीसीसी) बिल्डिंग, स्टॉर्म वाटर ड्रेनेज सिस्टम, सीवरेज वर्क्स, सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट सिस्टम और रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम शामिल हैं।