कोरोना वायरस के ओमीक्रॉन वेरिएंट के केस अभी भी सामने आ रहे है। लेकिन अच्छी बात ये है कि पहली की तुलना में संक्रमित मामले कम सामने आ रहे है। ऐसे में लोग ये मानकर चल रहे है कि ओमीक्रॉन का खतरा टल रहा है। लेकिन विश्व स्वास्थ्य संगठन ने चेतावनी दी है और बताया कि अभी यह खतरा टला नहीं है। डब्ल्यूएचओ ने एक बार फिर कहा कि दुनिया के कई देशों में ओमीक्रॉन की लहर का पीक आना अभी बाकी है। ऐसे में कोविड-19 प्रतिबंधों में धीरे-धीरे छूट देनी होगी।
वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन की कोविड-19 पर बनी टेक्निकल लीड ने कहा कि कई देशों में ओमीक्रॉन वेरिएंट की लहर का पीक आना अभी बाकी है। कई देशों में कोरोना वैक्सीनेशन की दर बेहद कम है और इन देशों की कमजोर आबादी को कोरोना वैक्सीन नहीं लगी है। हम सभी से यह अपील कर रहे हैं कि ऐसे समय में एक साथ सभी प्रतिबंधों को हटाना नहीं चाहिए। डब्ल्यूएचओ सभी देशों से अपील की है कि कोरोना प्रतिबंधों में धीरे-धीरे छूट दी जाए। यह वायरस काफी शक्तिशाली है।
कुछ देशों में यह धारणा बन रही है कि बेहतर वैक्सीनेशन दर और ओमीक्रॉन के कम घातक होने के कारण खतरा टल गया है। यह वेरिएंट अति संक्रामक जरूर है लेकिन अधिक घातक नहीं है। ऐसे में इससे ज्यादा घबराने की आवश्यकता नहीं है। सभी देशों से आग्रह किया है कि वे अपने नागरिकों से कहें कि कोरोना से जुड़े नियमों का पालन करें। वैक्सीनेशन ही सिर्फ एकमात्र हथियार नहीं है। डब्ल्यूएचओ के इमरजेंसी चीफ माइक रियान ने सभी देशों को संबोधित करते हुए कहा कि कोरोना महामारी से निपटने के लिए हर देश को अपने मौजूदा हालात का आकलन करके जरूरी कदम उठाना चाहिए। किसी देश की नकल कर कोरोना नियमों में ढील देना गलत होगा।