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पड़ोसी देश चीन और पाकिस्तान में फैला कोरोना, भारत पर भी क्या मंडरा रहा खतरा, आ सकती है चौथी लहर?

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चीन, हॉन्गकॉन्ग समेत एशिया और यूरोप के अन्य देशों में कोरोना के मामलों में बढ़ोतरी हो रही है। चीन ने कोरोना पर लगाम के लिए कुछ इलाकों में बेहद सख्त लॉकडाउन लगाया है। चीन में कोरोना संक्रमण के मामलों के पीछे ओमीक्रोन का सब वेरिएंट BA.2 सामने आया है। यह ओमीक्रोन से कहीं अधिक संक्रामक है। वहीं पाकिस्तान में भी कोरोना के मामले लगातार सामने आ रहे हैं। यहां दक्षिणी सिंध प्रांत में अब तक कोरोना के 572,555 मामले सामने आ चुके हैं। यह देश का सबसे ज्यादा प्रभावित क्षेत्र है। इसके बाद पूर्वी पंजाब प्रांत है, जहां कोरोना के 504,045 मामले दर्ज किए गए हैं।

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एक्सपर्ट्स की मानें तो कई देश करीब एक-दो महीने पहले ओमीक्रोन की वेव झेल चुके हैं। नई लहर में वायरस का अधिकतर प्रसार उन देशों में फैल रहा है जहां पहले इसका अधिक प्रसार नहीं हुआ था। इस वक्त कई छोटे देशों में यह तेजी से फैल रहा है। चूंकि भारत पहले ही ओमीक्रोन की लहर को झेल चुका है इसलिए चीन में कोरोना मामलों के बढ़ने का भारत पर कोई असर नहीं पड़ने वाला है। चीन कोरोना को लेकर जीरो-टॉलरेंस की पॉलिसी पर चल रहा है। कम केस आने पर ही वह पूरे शहर में लॉकडाउन लगा देते हैं। इसलिए चीन से किसी अन्य देश पर फर्क पड़ना मुमकिन नहीं है। भारत को इससे घबराने की जरूरत नहीं है, लेकिन सतर्कता हमेशा बरतनी है।

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भारत कोरोना की आने वाली लहर को टाल सकता है। इसके पीछे दो बड़ी वजहे हैं। पहला, ज्यादातर भारतीय वायरस के संपर्क में आ चुके हैं और वे स्वाभाविक रूप से इम्युनिटी प्राप्त कर चुके हैं। दूसरा, देश में लगभग सभी वयस्क और बड़ी संख्या में 15 साल और उससे अधिक उम्र के बच्चों को कोरोना का टीका लगाया जा चुका है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने कम टेस्ट और कई हफ्तों के संक्रमण में गिरावट के बावजूद, कोविड -19 मामलों में वैश्विक बढ़ोतरी को लेकर चेतावनी दी है। डब्ल्यूएचओ ने कहा कि विशेष रूप से एशिया के कुछ हिस्सों में मामले बढ़ रहे हैं। वैक्सीनेशन कवरेज को बढ़ाने और महामारी प्रतिक्रिया उपायों को उठाने में सावधानी बरतने का आग्रह किया गया है।