प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शिमला के ऐतिहासिक रिज मैदान से किसानों के खाते में किसान सम्मान निधि की 11वीं किस्त जारी की। 10 करोड़ किसानों को 21 हजार करोड़ रुपये बटन दबाकर जारी किए। इस दौरान उन्होंने लाभार्थियों से बात भी की। इस दौरान उन्होंने कहा कि, जब हमारी सरकार अपने आठ वर्ष पूरे कर रही है, तो मैं अपना संकल्प फिर दोहराउंगा। हर भारतवासी के सम्मान के लिए, हर भारतवासी की सुरक्षा, हर भारतवासी की समृद्धि के लिए, भारतवासी को सुख-शांति की जिंदगी कैसे मिले, हर किसी का कल्याण करने के लिए जितना काम कर सकूँ, उसको करता रहूं।
पीएम मोदी ने कहा कि, पहले इलाज के लिए पैसे जुटाने की बेबसी थी, आज हर गरीब को आयुष्मान भारत का सहारा है। पहले ट्रिपल तलाक का डर था, अब अपने अधिकारों की लड़ाई लड़ने का हौसला है। लेकिन आज चर्चा जन-धन खातों से मिलने वाले फायदों की हो रही है, जनधन-आधार और मोबाइल से बनी त्रिशक्ति की हो रही है। पहले रसोई में धुआं सहने की मजबूरी थी, आज उज्ज्वला योजना से सिलेंडर पाने की सहूलियत है।
2014 से पहले की सरकार ने भ्रष्टाचार को सिस्टम का जरूरी हिस्सा मान लिया था, तब की सरकार भ्रष्टाचार से लड़ने की बजाय उसके आगे घुटने टेक चुकी थी, तब देश देख रहा था कि योजनाओं का पैसा जरूरतमंद तक पहुंचने के पहले ही लुट जाता है। सेवा, सुशासन और गरीबों के कल्याण के लिए बनी हमारी योजनाओं ने लोगों के लिए सरकार के मायने ही बदल दिए हैं। अब सरकार माई-बाप नहीं, अब सरकार सेवक है। इसके आगे उन्होंने कहा कि, पीएम आवास योजना हो, स्कॉलरशिप देना हो या फिर पेंशन योजनाएं, टेक्नोलॉजी की मदद से हमने भ्रष्टाचार का स्कोप कम से कम कर दिया है। जिन समस्याओं को पहले परमानेंट मान लिया गया था, हम उसके परमानेंट सॉल्यूशन देने का प्रयास कर रहे हैं।
गरीब का जब रोजमर्रा का संघर्ष कम होता है, जब वो सशक्त होता है, तब वो अपनी गरीबी दूर करने के लिए नई ऊर्जा के साथ जुट जाता है। इसी सोच के साथ हमारी सरकार पहले दिन से गरीब को सशक्त करने में जुटी। हमने उसके जीवन की एक-एक चिंता को कम करने का प्रयास किया। ये हमारी ही सरकार है जिसने चार दशकों के इंतजार के बाद वन रैंक वन पेंशन को लागू किया, हमारे पूर्व सैनिकों को एरियर का पैसा दिया। इसका बहुत बड़ा लाभ हिमाचल के हर परिवार को हुआ है। हमारे देश में दशकों तक वोटबैंक की राजनीति हुई है। अपना-अपना वोटबैंक बनाने की राजनीति ने देश का बहुत नुकसान किया है। हम वोटबैंक बनाने के लिए नहीं, नए भारत को बनाने के लिए काम कर रहे हैं।
इसके आगे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि, हमने शत प्रतिशत लाभ, शत प्रतिशत लाभार्थी तक पहुंचाने का बीड़ा उठाया है, लाभार्थियों के सैचुरेशन का प्रण लिया है। शत प्रतिशत सशक्तिकरण यानि भेदभाव खत्म, सिफारिशें खत्म, तुष्टिकरण खत्म। शत प्रतिशत सशक्तिकरण यानि हर गरीब को सरकारी योजनाओं का पूरा लाभ। 2014 से पहले जब मैं आपके बीच आता था तो कहता था कि भारत दुनिया से आंख झुकाकर नहीं, आंख मिलाकर बात करेगा। आज भारत, मजबूरी में दोस्ती का हाथ नहीं बढ़ाता, बल्कि मदद करने के लिए हाथ बढ़ाता है।
इसके आगे उन्होंने कहा कि, कोरोना काल में भी हमने 150 से ज्यादा देशों को दवाइयां भेजी हैं, वैक्सीन भेजी हैं। हमें 21वीं सदी के बुलंद भारत के लिए, आने वाली पीढ़ियों के उज्ज्वल भविष्य के लिए काम करना है। एक ऐसा भारत जिसकी पहचान अभाव नहीं बल्कि आधुनिकता हो। हम भारतवासियों के सामर्थ्य के आगे कोई भी लक्ष्य असंभव नहीं। आज भारत दुनिया की सबसे तेज़ी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं में एक है। आज भारत में रिकॉर्ड विदेशी निवेश हो रहा है, आज भारत रिकॉर्ड एक्सपोर्ट कर रहा है।