जीवनशैली

Chandra Grahan: साल का पहला चंद्र ग्रहण आज! कहां, कैसे और कितने बजे लगेगा ग्रहण, जानें सबकुछ

Chandra Grahan 2023: दुनिया में 05 मई 2023 को साल का पहला चंद्र ग्रहण देखेगी। वैशाख पूर्णिमा पर लगने जा रहा चंद्र ग्रहण। ये उपछाया चंद्र ग्रहण होगा जिसमें चंद्रमा का कोई भाग कटा हुआ नजर नजर नहीं आएगा। मगर चांद में धुंधलापन दिखाई देगा। 15 दिनों के अंतराल में ये इस साल का दूसरा ग्रहण है, 20 अप्रैल 2023 को पहला सूर्य ग्रहण लगा था।

कितने बजे लगेगा चंद्र ग्रहण?

बुद्ध पूर्णिमा पर साल का पहला चंद्र ग्रहण 05 मई 2023 को रात 08 बजकर 44 मिनट से आरंभ होगा और इसका समापन देर रात 1 बजकर 02 मिनट पर होगा। चंद्र ग्रहण की कुल अवधि 4 घंटे 15 मिनट की होगी। चंद्र ग्रहण का परमग्रास समय रात 10 बजकर 53 मिनट पर है. ये उपछाया चंद्र ग्रहण तुला राशि और स्वाती नक्षत्र में लगेगा।

पूर्णिमा पर ही क्यों लगता है चंद्र ग्रहण?

विज्ञान के अनुसार सूर्य ग्रहण ज्यादतर अमावस्या पर और चंद्र ग्रहण पूर्णिमा के दिन लगता है लेकिन पूर्णिमा के दिन ही चंद्र ग्रहण क्यों लगता है, इसके बारे में बहुत कम ही लोग जानते हैं। वैज्ञानिकों का माना है कि जब भी चंद्रमा पृथ्‍वी की छाया में आता है, वह पूर्णिमा का दिन ही होता है। पूर्णिमा के दिन चंद्र ग्रहण लगने का कारण है सूर्य, पृथ्‍वी और चंद्रमा एक सीध में होना। यह सिर्फ ज्यामितीय प्रतिबन्ध के कारण ही हो सकता है।

ये भी पढ़े: चंद्र ग्रहण के दौरान खुले रहते हैं महाकाल के पट! आखिर क्या है अनूठी परंपरा की वजह?

भारत में चंद्र ग्रहण, सूतक काल

शास्त्रों के अनुसार जब राहु चंद्रमा को ग्रसता है तो चंद्रमा दूषित हो जाता है। साल का पहला चंद्र ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा, इसलिए यहां सूतक काल भी मान्य नहीं रहेगा। चंद्र ग्रहण हमारे जीवन को प्रभावित करता है इसलिए चंद्र ग्रहण शुरु होने से 9 पहले सूतक काल लग जाता है। सूतक काल में पूजा, तुलसी में जल डालना, भोजन खाने की मनाई होती है। ग्रहण के समाप्त होने तक सामाजिक और धार्मिक कार्य नहीं करना चाहिए, इससे दोष लगता है।

कहां दिखेगा चंद्र ग्रहण ?

साल का पहला चंद्र ग्रहण यूरोप, एशिया के ज्यादातर हिस्से, ऑस्ट्रेलिया, अफ्रीका, प्रशांत,अटलांटिक,अंटार्कटिका और हिंद महासागर में नजर आएगा।

चंद्र ग्रहण के अशुभ प्रभाव

चंद्रमा मन का कारक है इसलिए चंद्र ग्रहण के अशुभ प्रभाव से व्यक्ति की मानसिक तनाव से पीड़ित रहता है। निर्णय लेने में समक्ष नहीं रहता। चिड़चिड़ापन आने लगता है। यही वजह है कि इन दुष्प्रभाव से बचने के लिए ग्रहण काल में मंत्रों का जाप करने की सलाह दी जाती है।

आईएन ब्यूरो

Recent Posts

खून से सना है चंद किमी लंबे गाजा पट्टी का इतिहास, जानिए 41 किमी लंबे ‘खूनी’ पथ का अतीत!

ऑटोमन साम्राज्य से लेकर इजरायल तक खून से सना है सिर्फ 41 किमी लंबे गजा…

1 year ago

Israel हमास की लड़ाई से Apple और Google जैसी कंपनियों की अटकी सांसे! भारत शिफ्ट हो सकती हैं ये कंपरनियां।

मौजूदा दौर में Israelको टेक्नोलॉजी का गढ़ माना जाता है, इस देश में 500 से…

1 year ago

हमास को कहाँ से मिले Israel किलर हथियार? हुआ खुलासा! जंग तेज

हमास और इजरायल के बीच जारी युद्ध और तेज हो गया है और इजरायली सेना…

1 year ago

Israel-हमास युद्ध में साथ आए दो दुश्‍मन, सऊदी प्रिंस ने ईरानी राष्‍ट्रपति से 45 मिनट तक की फोन पर बात

इजरायल (Israel) और फिलिस्‍तीन के आतंकी संगठन हमास, भू-राजनीति को बदलने वाला घटनाक्रम साबित हो…

1 year ago

इजरायल में भारत की इन 10 कंपनियों का बड़ा कारोबार, हमास के साथ युद्ध से व्यापार पर बुरा असर

Israel और हमास के बीच चल रही लड़ाई के कारण हिन्दुस्तान की कई कंपनियों का…

1 year ago