कल यानी 19 नवंबर को कार्तिक पूर्णिमा के दिन सदी का सबसे लंबा चंद्र ग्रहण लगने जा रहा है। कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा को कार्तिक पूर्णिमा कहा जाता है। हिंदू धर्म में कार्तिक पूर्णिमा का विशेष महत्व होता है। चंद्र ग्रहण को अशुभ घटना माना जाता है। इस दौरान पूजा-पाठ और मांगलिक कार्य करने की मनाही होती है। इस चंद्र ग्रहण की अवधि ज्यादा होने के कारण इसे सदी का सबसे लंबा चंद्र ग्रहण कहा जा रहा है। हिंदू पंचांग के अनुसार, ग्रहण सुबह 11 बजकर 34 मिनट से आरंभ होगा और शाम 05 बजकर 59 मिनट पर समाप्त होगा।
इस ग्रहण पर सूतक काल मान्य नहीं होगा। यह ग्रहण आंशिक ग्रहण होगा, ऐसे में सूतक काल भारत में मान्य नहीं होगा। पूर्ण चंद्र ग्रहण में ही सूतक काल मान्य होगा। ये ग्रहण भारत मके पूर्वोत्तर राज्य असम, अरुणाचल प्रदेश के कुछ हिस्सों में दिखाई देगा। वहीं विदेशो में चंद्र ग्रहण अमेरिका, उत्तरी यूरोप, पूर्वी एशिया, ऑस्ट्रेलिया और प्रशांत महासागर क्षेत्र में दिखाई देगा। साल 2021 में दो चंद्र ग्रहण का योग बना था। 19 नवंबर को साल का अंतिम और दूसरा चंद्र ग्रहण लगेगा। अगला चंद्र ग्रहण 16 मई 2022 को लगेगा। चंद्र ग्रहण एक महत्वपूर्ण खगोलीय घटना है। जब चंद्रमा पर पृथ्वी की छाया पड़ने लगती है तो इसी स्थिति को चंद्र ग्रहण कहते हैं।
चंद्रग्रहण का सभी 12 राशियों पर प्रभाव देखने को मिलेगा। साल का आखिरी चंद्र ग्रहण वृषभ राशि में लगेगा। वृषभ राशि में राहु का गोचर चल रहा है। इस कारण वृषभ राशि पर ग्रहण का सबसे ज्यादा असर पड़ेगा। साल का दूसरा और अंतिम चंद्र ग्रहण वृषभ राशि में लगेागा। इस दौरान वृषभ राशि वालो को सावधान रहने की जरूरत है। ग्रहण के समय आपको वाहन आदि में सावधानी बरतनी चाहिए। मानसिक तनाव का शिकार हो सकते हैं।