कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को धनतेरस का त्योहार मनाया जाता है और इस दिन कुछ वस्तुओं को खरीदना शुभ माना जाता है। मान्यता है कि धनतेरस के दिन विधि-विधान से पूजा-अर्चना करने से घर में सुख समृद्धि आती है और कभी भी पैसों की कमी नहीं होती। इस दिन भगवान धन्वंतरि, भगवान कुबेर और माता लक्ष्मी का पूजन किया जाता है। जानें शुभ मुहुर्त समेत कई जरुरी बातें-
धनतेरस शुभ मुहूर्त और पूजा विधि
पूजा के लिए आज शाम 6 बजकर 20 मिनट से लेकर 8 बजकर 11 मिनट तक का समय शुभ रहेगा।
खरीददारी के लिए सुबह का मुहूर्त 11 बजकर 30 मिनट से शुभ हैं।
धनतेरस पर राहुकाल के समय धनतेरस पर शुभ खरीदारी से बचें।
घर के लिए बर्तन और दूसरी चीजें खरीदने का समय शाम 7 बजकर 15 मिनट से रात 8 बजकर 15 मिनट तक का है।
इन जगहों पर जरुर जलाएं दीपक
धनतेरस की शाम को पीपल के पेड़ के नीचे दीपक जलाना चाहिए। पीपल के पेड़ में माता लक्ष्मी का वास होता है। ऐसे में इस दिन पीपल के पेड़ के नीचे दीपक जलाने से पैसों की कमी दूर होती है।
धनतेरस की रात में बेल के वृक्ष के नीचे दीपक जलाना चाहिए। ऐसा करने से धन और सुख-समृद्धि में वृद्धि होती है।
धनतेरस की रात को श्मशान घाट में दीपक जरूर जलाना चाहिए। ऐसा करने से माता लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं।
धनतेरस की शाम को घर की चौखट पर भी जीपक जलाना चाहिए। ऐसा करने से माता लक्ष्मी घर में प्रवेश करती हैं।
धनतेरस की पूजा विधि
धनतेरस की शाम के समय उत्तर दिशा में कुबेर, धन्वंतरि भगवान और मां लक्ष्मी की पूजा की जाती है। पूजा के समय घी का दीपक जलाएं। कुबेर को सफेद मिठाई और भगवान धन्वंतरि को पीली मिठाई चढ़ाएं। पूजा करते समय कुबेर मंत्र का जाप करना चाहिए। फिर धन्वंतरि स्तोत्र का पाठ करना चाहिए। इसके बाद भगवान गणेश और माता लक्ष्मी की पूजा करना चाहिए। माता लक्ष्मी और भगवान गणेश को भोग लगाएं और फूल चढ़ाना चाहिए। धनतरेस की शाम घर के बाहर मुख्य द्वार पर और आंगन में दीप जलाने की प्रथा भी है।