भारत सरकार ट्रैफिक नियमों को लेकर पिछले कुछ समय से काफी सख्त है और इसके तहत अब इसमें और भी कड़ाई कर दी गई है। अब पहले जैसा नहीं रह गया कि नियमों को तोड़कर आप भाग जाएंगे या फिर बच जाएंगे। क्योंकि, ट्रैफिक पुलिस को सख्त आदेश तो है ही साथ ही जगह-जगह पर कैमरे भी लगा दिए गए हैं। जिससे नियम तोड़ते ही चालान अपने आप आपके घर आ जाएगा। यहां तक की सरकार ने जुर्माने का रेट इतना बढ़ा दिया है कि लोग अब नियम तोड़ने से पहले एक बार जरूर सोच लेते हैं। अब सरकार ने जो फैसला लिया है उसका असर वहान निर्माता कंपनियों पर पड़ने वाला है। सरकार ने ये फैसला सेफ्टी को देखते हुए लिया है।
दरअसल, केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने एक बार फिर पैसेंजर कारों में छह एयरबैग को अनिवार्य बनाने की चर्चा की है। गडकरी ने गुरुवार को लोकसभा को बताया कि सरकार कारों में पीछे बैठने वाले यात्रियों की सुरक्षा प्राथमिक है। लोकसभा में उन्होंने कहा कि, अभी तक, (कारों में) 2 एयरबैग अनिवार्य हैं। पीछे के यात्रियों के लिए कोई एयरबैग नहीं हैं। हमारा विभाग पीछे के यात्रियों के लिए भी एयरबैग रखवाने की कोशिश कर रहा है ताकि उनकी जान बचाई जा सके। एक प्रस्ताव पर विचार किया जा रहा है, और सरकार जल्द ही निर्णय लेने का प्रयास करेगी।
इससे पहले भी वो कारों में छह एयरबैग को अनिवार्य करने पर जोर दे चुके हैं। हाल ही में उन्होंने दोहरे मापदंड अपनाने के लिए वाहन निर्माता कंपनियों को लताड़ भी लगाई थी। उन्होंने कहा था कि, हर इंसान की जिंदगी की कीमत होती है। लेकिन ज्यादातर कार कंपनियां विदेश में तो सुरक्षा मानकों का ख्याल रखती हैं लेकिन, भारत में लोगों की जिंदगी से खिलवाड़ करती हैं। उन्होंने कहा कि, हमने कारों को छह एयरबैग को अनिवार्य बनाने का निर्णय लिया है। यहां तक कि इकोनॉमिक मॉडल में भी। लेकिन, अब कुछ कंपनियां भारत में ऐसी कारें बना रही हैं, जो अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप नहीं हैं। लेकिन वे उसी मॉडल को विदेशी बाजारों के लिए अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप बना रही हैं। उन्होंने ये भी कहा कि, कुछ वाहन निर्माता कारों में 6 एयरबैग अनिवार्य करने के नियम का लगातार विरोध कर रहे हैं, जिसे सिर्फ लोगों की जान बचाने के लिए प्रस्तावित किया गया है। छह एयरबैग के प्रस्ताव की घोषणा करते हुए, गडकरी ने मार्च में संसद को यह भी बताया था कि छह कार्यात्मक एयरबैग की तैनाती से 2020 में 13,000 लोगों की जान बचाई जा सकती थी। मंत्री ने कहा कि जब ऑटोमोबाइल उद्योग में वृद्धि होती है और वाहनों की संख्या में वृद्धि होती है, तो सुरक्षा का ख्याल रखना भी हमारी जिम्मेदारी है। भारत के पास दुनिया भर में बमुश्किल 1 प्रतिशत वाहन हैं, लेकिन देश में सड़क दुर्घटना से होने वाली मौतें दुनिया के मुकाबले 10 प्रतिशत ज्यादा है।