सरकार ने घरों की छतों पर सोलर प्लांट लगवाने की प्रक्रिया को पहले से अब और भी ज्यादा आसान कर दिया है। नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय ने रूफटॉप सोलर प्रोग्राम के तहत खुद या अपनी पसंद के किसी विक्रेता के जरिए घर की छत पर सोलर प्लांट लगवाने के लिए नई सरक प्रक्रिया को जारी किया है। इसके तहत, अब लाभार्थी से मिले आवेदन को पंजीकृत करने, उसकी मंजूरी और स्टेटस पर नजर रखऩे के लिए एक नेशनल पोर्टल डेवलप किया जाएगा। डिस्कॉम के लेवल पर समान फॉर्मेट में एक पोर्ट होगा और दोनों पोर्टलों को आपक में लिक किया जाएगा।
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नई व्यवस्था के तहत छत पर सौर प्लांट स्थापित करने के लिए अब आपको नेशनल पोर्टल पर अपना आवेदन भेजना होगा। लाभार्थी को अपने उस बैंक खाते के विवरण के साथ जरूरी जानकारी जमा करनी होगी, जिसमें सब्सिडी की राशि ट्रांसफर की जाएगी। आवेदन के समय, लाभार्थी को पूरी प्रक्रिया और उस सब्सिडी राशि के बारे में जानकारी दी जाएगी, जिसकी मदद से सोलर प्लांट को इंस्टॉल किया जा सकता है।
तकनीकी तौर पर इसके लिए मंजूरी लेने के लिए ऐप्लीकेशन को अगले 15 कामकाजी दिनों के भीतर संबंधित डिस्कॉम को ऑनलाइन फॉरवर्ड किया जाएगा। डिस्कॉम को ऐप्लीकेशन को ट्रांसफर करने के बाद, इसे डिस्कॉम पोर्टल पर भी डिस्प्ले किया जाएगा। तकनीकी मंजूरी मिलने के बाद लाभार्थी अपनी पसंद के किसी भी विक्रेता से सोलर प्लांट को लगवा सकता है। हालांकि, इसके लिए व्यक्ति को DCR की शर्तों को पूरा करने वाले सोलर मॉड्यूल को चुनना होगा और ALMM के तहत एनलिस्ट कराना होगा और J3IS द्वारा सर्टिफाइड इन्वर्टर्स लेने होंगे। इसमें शामिल विक्रेताओं की सूची को पोर्टल पर उपलब्ध किया जाएगा।
सोलर प्लांट के इंस्टॉल होने के बाद, मंत्रालय प्लांट के लिए स्टैंडर्ड और स्पेसिफिकेशन्स जारी करेगा। मंत्रालय लाभार्थी और विक्रेता के बीच होने वाले समझौते का फॉर्मेट भी जारी करेगा। सरकार द्वारा जारी किए गए बयान के मुताबकि लाभार्थी को एक निर्धारित अवधि के भीतर अपना प्लांट लगवाना होगा। ऐसा नहीं करने पर, उसका आवेदन रद्द कर दिया जाएगा और उसे आरटीएस प्लांट को लगवाने के लिए फिर से आवेदन करना होगा।