इस धरा की वो बेहद खूबसूरत जगह, जहां रहती हैं धरती की परियां, जिस घाटी की रहने वाली महिलाएं दुनिया की सबसे सुंदरतम महिलाओं में शुमार हैं। ऐसा माना जाता है कि यहां की महिलाएं 65 साल की उम्र के बाद भी बन सकती हैं मां ! दुनिया के इस अद्भुत जगह की सबसे बड़ी ख़ासियत यह है कि यहां के लोग 80 साल की उम्र में भी दिखते हैं जवान।
ये जगह है-हुन्ज़ा घाटी। किसी जन्नत से कम नहीं। यहां की वादियों का जिक्र देश दुनियां में होती रहती है। दरअसल, पाक-अधिकृत कश्मीर का वह इलाक़ा, जो गिलगित-बलतिस्तान के हुन्ज़ा-नगर ज़िले में स्थित है। गिलगित-बलतिस्तान का यह अद्भुत और अप्रतीम घाटी ही हुन्जा घाटी के नाम से प्रसिद्ध है।
सुंदरता और अपनी मनमोहक छटा के बीच इस घाटी की जो सबसे बड़ी बात है,वह है- यहां के रहने वालों की बेहद लम्बी उम्र और लम्बी उम्र तक बनी रहने वाली सुंदरता।
हुन्जा घाटी की सबसे बड़ी विशेषता है कि यहां की महिलायें 70 साल के बाद भी गर्भधारण कर सकती हैं, और मां बन सकती हैं।यह बात अपने-आप में इसलिए असाधारण है,क्योंकि ऐसा कहीं और नहीं होता। यहां के रहने वाले लोग अक्सर 80 के पार भी जवान दिखते हैं। यहां के रहने वाले लोग कभी बीमार नहीं पड़ते और न ही इन लोगों को लीवर संबंधी या कैंसर जैसी घातक बीमारियां होती है। यहां के वालों की डाइट और खान-पान बेहद उम्दा है। ये लोग अक्सर फल और सब्ज़ियां खाते हैं। मांस या किसी भी प्रकार के नॉनवेज से यहां के लोग परहेज़ करते हैं।
कई रहस्यों को अपने गर्भ में समेटे हुई है PoK की ये घाटी
PoK स्थित इस घाटी के लोगों की औसत आयु 120-150 साल होती है। ऐसा माना जाता है कि यहां के लोग 150 साल तक ज़िंदा रहते हैं। ग़ौरतलब है कि पाकिस्तान के लोगों की औसत आयु महज़ 67 वर्ष है।
हुंजा समुदाय के लोग इसी घाटी में रहते हैं। इनकी उम्र को लेकर अक्सर विशेषज्ञों में चर्चा होती रहती है कि आखिर इनकी लम्बी उम्र के पीछे का राज़ क्या है। जानकारों की माने, तो यहां रहने वाले लोग दुनिया से दूर एक तरह से आइसोलेशन में रहते हैं। और अपनी कुछ आदतों की वजह से अन्य जगहों के लोगों से ज्यादा सेहतमंद होते हैं। हुंजा वैली में रहने वाले लोग प्रोसेस्ड फूड का इस्तेमाल बिलकुल नहीं करते। वे अक्सर सब्ज़ियां,अनाज,दूध और फल खाते हैं। फल में ख़ासतौर पर यहां के लोग खूबानी खाते हैं। साथ ही पीने के लिए और नहाने के कार्यों में ये लोग ग्लेशियर के पानी का इस्तेमाल करते हैं।
यहां नहीं होतीं कैंसर जैसी घातक बीमारियां
यहां के लोग अक्सर खूबानी फल खाते हैं,या फिर इस फल के जूस को पीकर रहते हैं। खूबानी के जूस को पीकर यहां के लोग कई महीनों तक जिंदा रहते हैं। खूबानी में एमीग्डालीन पाया जाता है,जो बिटामिन-17 का सोर्स होता है। और जानकारों का मानना है कि यही वजह है कि यहां के लोगों को कैंसर जैसी घातक बीमारी नहीं होती। कुल मिलाकर यहां के लोगों को शुद्ध आहार , ग्लेशियर का पानी और साफ़ हवा आसानी से मिल जाते हैं।
रहस्यों से भरी हुंजा घाटी!
ऐसा माना जाता है कि इस घाटी में आज भी परियां रहती हैं। यहां के लोगों का मानना है कि हुंजा वैली में और उसके आसपास आज भी परियां मौजूद हैं,जो बाहरी ख़तरों से उनकी रक्षा करती हैं।यहां भेड़,बकरी चराने वाले लोगों का कहना है कि ऊंची जगहों पर जाने पर परियों की आवाज़ साफ़-साफ़ सुनायी देती है। मशहूर अंतर्राष्ट्रीय मैगजीन फोर्ब्स ने हुंजा घाटी को 2019 के सबसे कूलेस्ट प्लेस टू विजिट की लिस्ट में यूं ही शामिल नहीं किया गया है।