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राजनीतिक संकट से जूझ रहा है गिलगित-बाल्टिस्तान, नई सरकार के गठन को लेकर चरम पर खेमेबाजी।

गिलगिट-बाल्टिस्तान में राजनीतिक संकट

गुलाम कश्मीर के तत्कालीन पीएम और PTI नेता तनवीर इलियास को अवमानना मामले में हाईकोर्ट ने सदन की सदस्यता और प्रधानमंत्री पद के लिए अयोग्य घोषित कर दिया था। हाईकोर्ट का यह निर्णय पिछले 11 अप्रैल 2023 को आया,जिसके बाद गिलगिट-बाल्टिस्तान में राजनीतिक संकट गहरा गया। इधर नई सरकार के गठन को लेकर राजनीतिक गूटबाजी चरम पर है। हालांकि इस बात के संकेत भी मिल रहे हैं कि पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी और पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज मिलकर गठबंधन की सरकार बनाए।

इधर गिलगिट-बाल्टिस्तान की एक अपीलीय आदालत ने पिछले 4 जुलाई को मुख्यमंत्री खालिद खुर्शीद की लॉ डिग्री भी फर्जी करार दिया और इसतर उन्हें भी अयोग्य ठहरा दिया।

PTI नेता खालिद खुर्शीद की डिग्री पर कोर्ट का फैसला आने से एक दिन पहले यानी 3 जुलाई को नए मुख्यमंत्री का चुनाव कराया जाना था। लेकिन कार्यवाही शुरु होने से पहले पुलिस ने गिलगित शहर में असेंबली की घेराबंदी कर दी। असेंबली परिसर से सभी कर्मचारियों,पत्रकारों और सदस्यों को बाहर निकालकर परिसर को सील कर दिया।

इधर बताया जा रहा है कि पूर्व पीएम इमरान खान की पार्टी गिलगित-बाल्टिस्तान में तीन खेमे में बंटा हुआ है।पिछली सरकार में वित्त मंत्री रह चुके जावेद मानवा ने ‘हम खयाल समूह’ गठित किया है। साथ ही हाजी गुलबार खान और अयोग्य ठहराए गए खालिद के भी अलग-अलग गुट हैं।

हालांकि अंदेशा लगाया जा रहा है कि गिलगित-बाल्टिस्तान में PPP और PML-N मिलकर सरकार बनाएगी। ठीक ऐसी ही स्थिति गुलाम कश्मीर में भी हुई थी।