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पितृ पक्ष में मेष समेत ये राशि वाले लोग रहे सतर्क,सेहत और धन का रखें ख्याल

Pitru Paksha 2022, Horoscope

पितृ पक्ष (Pitru Paksha) इस साल शनिवार यानी आज से आरंभ हो गए हैं, जिसका समापन 25 सितम्बर होगा। इन दिनों पितरों को याद किया जाता है। श्राद्ध पक्ष में पूर्वज धरती पर आते हैं और आशीर्वाद देते हैं। इन दिनों शास्त्रों में कुछ नियम और अनुशासन का ध्यान रखने के लिए कहा जाता है। राशिफल की दृष्टि से पितृ पक्ष में कुछ राशियों को जॉब, बिजनेस, धन और सेहत के मामले में विशेष सर्तकता बरतने की जरूरत है। ऐसे वह कौन सी राशियां हैं आइए जानते हैं-

मेष राशि- आपकी राशि में पाप ग्रह राहु विराजमान है। पितृ पक्ष में राहु को विशेष महत्व दिया जाता है, क्योंकि राहु का संबंध कहीं न कहीं हमारे कर्तव्य और ऋण से है। इसलिए मेष राशि वालों को धन संबंधी कामों में सावधानी बरतनी चाहिए। पितरों को याद करते हुए उनसे जाने अंजाने में हुई गलतियों के लिए माफी अवश्य मांगे।

सिंह राशि- वर्तमान समय में सिंह राशि में सूर्य और शुक्र की युति बनी हुई है। सूर्य जहां सभी ग्रहों के अधिपति हैं वहीं ज्योतिष शास्त्र में इन्हें पिता भी माना गया है। पितृ पक्ष में पितरों की अच्छे ढंग से श्रद्धांजलि दें और नियमों का पालन करें। अहंकार से दूर रहे और अपने चरित्र निर्माण पर ध्यान दें। कर्ज लेने से बचें।

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कन्या राशि- बुध ग्रह का गोचर आपकी राशि में हो रहा है। विशेष बात ये है कि जिस दिन से श्राद्ध पक्ष आरंभ हो रहे हैं उसी दिन से बुध वक्री हो रहे हैं। इसलिए पितृ पक्ष में बड़े निर्णय लेने में सावधानी बरतें। वाणी को खराब न करें। विवाद और तनाव से बचें। किसी की निंदा न करें।

तुला राशि- केतु ग्रह को मोक्ष का कारक बताया गया है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार केतु एक पाप ग्रह है। ये भम्र का भी कारक है। केतु का संबंध पितरों से हैं, इसलिए पितृ पक्ष में आपको पितरों का विशेष आभार व्यक्त करना चाहिए। इससे जीवन में आने वाली परेशानियां दूर होगी। इस दौरान कर्ज न लें। दान पुण्य के कामों में रूचि लें।

मकर राशि- पितृ पक्ष में मकर राशि वालों को विशेष ध्यान रखने की जरूरत है। इस दिन पूंजी का निवेश सोच समझ करें। सेहत का ध्यान रखें। शनि आपकी राशि के स्वामी हैं, जो आपकी ही राशि में वक्री होकर गोचर कर रहे हैं। शनि का संबंध पूर्व जन्मों के कर्मों से भी है, इसलिए पितृ पक्ष में शनि देव की भी पूजा करें। शनि से जुड़ी चीजों का दान करें। कुष्ठ रोगियों की सेवा करें। विशेष फल प्राप्त होगा। पशु-पक्षी और प्रकृति की सेवा करें।