भारतीय वन सेवा के अधिकारी और वन्यजीव प्रेमियों ने एक आकर्षक वीडियो पोस्ट किया है, जिसमें एक 15 फुट लंबे किंग कोबरा को एक सांप विशेषज्ञ द्वारा एक कार के नीचे से पकड़ा गया और फिर जंगल में छोड़ा जा रहा है।
लगता है कि बेमौसम बारिश से सांप बाढ़ के कारण अपने प्राकृतिक आवास से बाहर चला आया था। ऐसा आमतौर पर मानसून के दौरान होता है।
नंदा ने कैप्शन के साथ लिखा, “किंग कोबरा प्रकृति में संतुलन बनाये रखने के लिए खाद्य श्रृंखला की एक महत्वपूर्ण कड़ी हैं। यहां लगभग 15 फीट लंबे एक कोबड़ा को बचा लिया गया और जंगल में छोड़ दिया गया। उल्लेखनीय है कि इस तरह का ऑपरेशन प्रशिक्षित सांप पकड़ने वालों द्वारा ही किया जाता है। इसलिए,कृपया अपने दम पर इस तरह की कोशिश न करें। बारिश की शुरुआत के साथ ही वे सभी विषम स्थानों में पाये जा सकते हैं।”
King Cobra’s are vital in the food chain for maintaining balance in nature. Here is one nearly 15 feet long rescued & released in the wild.
Entire operation is by trained snake catchers. Please don’t try on your own. With onset of rains, they can be found in all odd places. pic.twitter.com/g0HwMEJwp2
— Susanta Nanda (@susantananda3) May 4, 2023
किंग कोबरा बेहद ज़हरीला सांप होता है। इसका रंग अलग-अलग आवासों में भिन्न-भिन्न होता है, सफ़ेद धारी वाले काले से लेकर भूरे रंग तक के ये सांप होते हैं।
अपनी भयावहता के बावजूद, यह आम तौर पर मनुष्यों के साथ टकराव से बचता है। अगर टकराव होता भी है,तो आमतौर पर केवल एक कोबरा द्वारा अनजाने में ख़ुद को खुले में आ जाने या पीछा किए जाने से उत्पन्न होता है; हालांकि, अगर इसे उकसाया जाता है या घेर लिया जाता है, तो यह लंबी दूरी और उच्च स्थिति में प्रहार करने में सक्षम होता है। इस प्रजाति के काटने में बड़ी मात्रा में चिकित्सकीय रूप से महत्वपूर्ण न्यूरोटॉक्सिक विष शामिल हो सकता है, जो समय पर एंटीवेनम का प्रबंध न करने पर तेज़ी से घातक हो सकता है।
इनके आवास के ख़त्म हो जाने से ख़तरे में आये किंग कोबरा को 2010 से IUCN रेड लिस्ट में विलुप्त होने की कगार पर आये जीव के रूप में सूचीबद्ध किया गया है। भारत के राष्ट्रीय सरीसृप के रूप में माना जाता है, यह भारत, बांग्लादेश, श्रीलंका और म्यांमार की पौराणिक कथाओं और लोक परंपराओं में एक ख़ास स्थान हासिल है।