आधार कार्ड छोटे से छोटे काम में आपकी सबसे ज्यादा मदद करता है। आज के समय में ये इतना जरूरी दस्तावेज बन गया है कि इसके बिना कोई भी काम करा पाना बेहद मुश्किल सा हो गया है। अगर आप भी उन्हीं में से एक हैं जिनका वोटर आईडी (Voter ID) को आधार (Aadhaar) से लिंक नहीं किया है तो अब आपको टेंशन लेने की जरूरत नहीं है। दरअसल सरकार ने वोटर आईडी कार्ड जोड़ने की तिथि 1 अप्रैल, 2023 से बढ़ाकर 31 मार्च, 2024 कर दी है। वहीं उपयोगकर्ता अपने आधार को मतदाता पहचान पत्र से ऑनलाइन या एसएमएस के माध्यम से भी जोड़ सकते हैं। हालांकि, सरकार ने कहा यह स्वैच्छिक है और इसे अनिवार्य नहीं बनाया गया है।
वोटर आईडी-आधार को लिंक करना क्यों जरूरी?
आपकी जानकारी के लिए बता दें आधार और वोटर आईडी की लिंकिंग शुरू करने का कारण चुनावों की शुचिता को बरकरार रखना था। चुनाव आयोग का कहना है कि लिंकिंग प्रक्रिया अनिवार्य नहीं लगती, मगर इससे ये जरूर पता लगता जा सकता है कि एक ही व्यक्ति एक से अधिक निर्वाचन क्षेत्रों में पंजीकृत तो नहीं है? यह फर्जी मतदाताओं को पकड़ने में मदद करती है।
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ऑनलाइन लिंक कैसे करें?
सबसे पहले राष्ट्रीय मतदाता सेवा पोर्टल (एनवीएसपी) की आधिकारिक वेबसाइट- nvsp.in पर जाएं। पोर्टल पर लॉग इन करें और होमपेज पर “सर्च इन इलेक्टोरल रोल” विकल्प पर जाएं। व्यक्तिगत विवरण दर्ज करें। आधार संख्या दर्ज करें। अब आधार विवरण दर्ज करने के बाद उपयोगकर्ताओं को पंजीकृत मोबाइल नंबर या ईमेल पर एक ओटीपी प्राप्त होगा। प्रमाणित करने के लिए ओटीपी दर्ज करें। वहीं ओटीपी वेरिफिकेशन के बाद आपका वोटर आईडी, आधार से लिंक हो जाएगा।
ऑफलाइन कैसे होगा ये काम?
चुनाव आयोग मतदाता सूची में डुप्लिकेट प्रविष्टियों का सफाया करने के लिए एक फॉर्म प्रदान करता है। मतदाताओं के पंजीकरण और उनके आधार डाटा के संग्रह के लिए एक नया फॉर्म 6बी पेश किया गया है। जो लोग ऑफलाइन रूट पसंद करते हैं, वे बूथ स्तर के अधिकारियों के पास फॉर्म 6बी की हार्ड कॉपी जमा कर सकते हैं। इन अधिकारियों को फॉर्म प्राप्त होने के सात दिन के भीतर उनका डिजिटलीकरण करने को कहा गया है।