होलिका दहन पर हल्दी का उबटन और सरसों के तेल का काफी महत्व है। हल्दी और तेल को मिलाकर पूरे बदन पर लगाना शुभ माना जाता है। फिर सूखने के बाद उसे एक कागज में शरीर से छुड़ाकर जमा कर लेना चाहिए। जिसे होलिका दहन के समय होलिका में डालना चाहिए। ताकि होलिका दहन के साथ ही सभी मलीनता भी भस्म हो जाए। मान्यता है कि ऐसा करने से स्वास्थ्य लाभ मिलता है। तन और मन दोनों से मलिनता का त्याग करने का त्योहार है होली, इसलिए जिन लोगों मनमुटाव या मनभेद है वह सब नाराजगी होलिका में मानसिक रूप से अर्पित करके भस्म कर देनी चाहिए। इसी तरह उबटन से शरीर का मैल निकाल कर उसे भी होलिका की अग्नि में भस्म कर दिया जाता है।
होलिका दहन से पहले कुछ बातों का ध्यान रखना आवश्यक है। अगर आप होलिका दहन के दिन कुछ उपायों को प्रयोग करें तो पूरे साल अपने जीवन में खुशहाली और समृद्धि ला सकते है। होली की पूजा करने से महालक्ष्मी प्रसन्न हो जाती हैं। होलिका दहन में किन-किन चीजों को करने से जीवन की सभी परेशानियां दूर होती है और घर में सुख-संपन्नता का संचार होता है-
5 या 11 गाय के उपले, एक मुट्ठी सरसों के दाने, नारियल का सूखा गोला लें। फिर नारियल के सूखे गोले में जौ, तिल, सरसों का दाना, शक्कर, चावल और घी भर लें। फिर उसे होलिका की जलती हुई अग्नि में प्रवाहित कर देना चाहिए। इससे मां लक्ष्मी का आर्शीवाद प्राप्त होती है और प्रत्येक काम आ रहे विघ्न दूर होते हैं।
होलिका दहन होने से पहले या फिर बाद में शाम के वक्त घर में उत्तर दिशा में शुद्ध घी का दीपक जलाएं। ऐसा करने से घर में सुख शांति आती है।
सर्वप्रथम पूजा शुरू करने से पहले होलिका को हल्दी का टीका लगाएं।
जो भी चीजें अग्नि में अर्पित करनी है। उसे अर्पित करके घर में सुख-शांति और समृद्धि के लिए प्रार्थना करनी चाहिए।
होलिका के चारों ओर 7 बार परिक्रमा करके जल अर्पित करें क्योंकि ऐसा करने से घर में समृद्धि आती है।
होलिका दहन की रात्रि में श्री विष्णुसहस्त्रनाम का पाठ करना लाभकारी होता है।
जिन लोगों के जीवन में परेशानियां पीछा नहीं छोड़ती। उन्हें सुंदरकांड का पाठ अवश्य करने की सलाह दी जाती है।
शनि की साढ़ेसाती से या शनि के कोप से प्रभावित लोग शनि के बीज मंत्र का जप करें और हनुमान जी की विधिवत आराधना करें।
होलिका दहन के बाद घर आकर भी पूजा घर में एक दिया जरूर जलाएं।