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आवारा कुत्तों के फेर में कार से टकराई स्कूटी सवार महिला !

आवार कुत्तों का तांडव

देश में आवारा कुत्तों का तांडव आए दिन मिलते रहता है। आवारा कुत्तों का आतंक इतना बढ़ गया है कि छोटे-छोटे बच्चे से लेकर बूढ़े-बुजुर्ग तक ऐसे ही कुत्तों का शिकार होते रहते हैं। पिछले दिनों हमने आपको दिल्ली से सटे ग्रेटर नोएडा का एक वीडियो दिखाया था कि कैसे आवारा कुत्तों ने दादा के सामने खेल रही डेढ़ साल की पोती पर हमला कर दिया था। और तो और आवारा कुत्ते नवजात शिशुओं के शिकार करने से भी नहीं चूकते।

सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे इस वीडियो को देखने से किसी के भी रोंगटे खड़े हो जाएंगे। मामला ओडिशा के बेरहामपुर के गांधी नगर की है।  जहां आवारा कुत्तों से पीछा छुड़ाने के चक्कर में एक स्कूटी सवार के साथ जबरदस्त दुर्घटना हो गयी। कुत्तों ने जब स्कूटी सवार का पीछा किया, तो स्कूटी का ज़ोरदार एक्सीडेंट हो गया । इन कुत्तों से पीछा छुड़ाने के दरम्यान स्कूटी, सड़क किनारे खड़ी कार से जा टकराई। टक्कर इतनी भयंकर थी कि स्कूटी पर बैठे तीनों लोग उछलकर दूर जा गिरे, स्कूटी सवार तीनों लोगों को गंभीर चोटें आई। वीडियो में साफ़-साफ़ देखा जा सकता है कि स्कूटी पर दो महिला समेत एक बच्ची सवार थी। दरअसल, आवारा कुत्तों के काटने से बचने के लिए स्कूटी सवार महिला भागी,और सड़क किनारे खड़ी कार से टकरा गई।

स्कूटी सवार महिला गली के आवारा कुत्तों से पीछा छुड़ाने के लिए इतनी घबरा गई कि उसे आगे क्या है और करना क्या है, इसकी उसे सुध ही नहीं रही। पीड़ित महिला ने आवारा कुत्तों से पीछा तो छुड़ा लिया, लेकिन आगे खड़ी एक कार में स्कूटी की ज़ोरदार टक्कर हो गयी। जसमें बच्ची समेत दोनों महिलाओं को जबरदस्त चोटें आई है। अच्छी ख़बर ये रही है इस दुर्घटना में किसी के हताहत होने की कोई सूचना नहीं है।

बता दें कि कुत्तों से होने वाली ऐसी घटना कोई पहली घटना नहीं है, देश के अलग-अलग हिस्सों में कुत्तों के काटने और उसके आतंक की ख़बरे आए दिन आती रहती हैं। पिछले दिनों कर्नाटक के शिवमोगा में एक कुत्ते ने नवजात की जान ले ली।

वहीं पिछले 29 मार्च को राजधानी दिल्ली के नेब सराय में जब एक 17 साल की लड़की अपने छत पर घूमने गई, तो पड़ोस का एक पालतू कुत्ता ने उसे बुरी तरह घायल कर दिया, लड़की को तत्काल अस्पताल ले जाया गया। हालांकि पीड़ित लड़की के पिता ने कुत्ते के मालिक के खिलाफ थाने में मामला दर्ज करवा दिया। लेकिन, सबसे बड़ा सवाल ये है कि अगर इन कुत्तों को लेकर स्थानीय प्रशासन कोई ठोस कदम नहीं उठाता है, तो इस तरह की घटनाओं को रोक पाना शायद मुश्किल होगा।