इस्लामाबाद हाईकोर्ट ने नौ मई तक इमरान खान और पीटीआई के अन्य नेताओं को फौरी राहत भले ही दे दी हो लेकिन एफआईआर को रद्द नहीं किया है। ईद की छुट्टियों के बीच पीटीआई के सीनियर लीडर फवाद चौधरी की याचिका पर सुनवाई के लिए चीफ जस्टिस अतहर मिनअलाह ने कोर्ट खोलने के आदेश दिए और नौ मई तक सरकार की किसी भी कार्रवाई पर रोक लगाने का आदेश दिया है। जस्टिस अतहर मिनअल्लाह ने यह भी कहा है कि जब तक पीटीआई के इस्तीफा शुदा मेंबरों को डीनोटिफाइड नहीं किया जाता तब तक उनके खिलाफ कोई भी कार्रवाई स्पीकर की अनुमति के बिना अमल में न लाई जाए।
ईद पर पीटीआई के लिए कुछ राहत की बात भले ही हो लेकिन इमरान खान समेत उनके मंत्रीमण्डल में रहे मंत्रियों के ऊपर ब्लासफेमी के आरोप में कार्रवाई की तलवार लटकी हुई है। इस तरह एक तरफ शहबाज शरीफ की सरकार इमरान खान और उनके नेताओं को जेल भेजने की तैयारी मुकम्मल कर चुकी है वहीं इंग्लैण्ड में स्वनिर्वासन में रह रहे पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के खिलाफ दर्ज मुकदमों को वापस लेने की तैयारी भी शुरु हो चुकी है।
ध्यान रहे, शहबाज शरीफ ने प्रधानमंत्री पद की शपथ लेने के बाद जब कैबिनेट का गठन किया तो राणा सनाउल्लाह को गृहमंत्री बनाया। शहबाज शरीफ के इस कदम से तय हो चुका था कि इमरान खान और पीटीआई के नेताओं की राह कठिन होने जा रही है। ये वही राणा सनाउल्लाहा हैं जिन्हें इमरान खान के इशारे पर मादक पदार्थों की तस्करी के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। हालांकि, सभी जानते थे और जानते हैं कि राणा सनाउल्लाह इस तरह के अपराध में कभी शामिल नहीं रहे। फिर भी उन्हें अपमानित किया गया और जेल भेजा गया।
मक्का में मस्जिद-ए-नवी में प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ के खिलाफ चोर-चोर और गद्दार के नारे लगाने के मामले को ब्लासफेमी से जोड़कर दर्ज की गई एफआईआर से इमरान खान और उनके साथी नेताओं को नानी याद आ गई है। राणा सनाउल्लाह ने ऐसे मोहरे बिछाए हैं जिनसे इमरान खान की मात साफ दिखाई दे रही है। सऊदी सरकार ने मस्जिद-ए-नवी में नारे लगाने वाले 150 पाकिस्तानियों को ब्लासफेमी के आरोप में ही गिरफ्तार किया है। इसी को आधार बनाकर पाकिस्तान में जो एफआईआर दर्ज करवाई गई हैं उनमें कहा गया है कि मस्जिद-ए-नवी में जो कुछ हुआ वो इमरान खान और उनके साथियों के उकसावे पर किया गया है, इसलिए इमरान खान और उनके साथी उन लोगों से ज्यादा कसूरवार हैं जो सऊदी अरब में गिरफ्तार किए गए हैं।
इसके साथ ही राणा सनाउल्लाह की इंटीरियर मिनिस्ट्री पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ को बेदाग साबित करने की तैयारी कर रही है। इसके लिए अब पाकिस्तान सरकार नवाज़ की दोषसिद्धि को रद्द करने या निलंबित करने पर विचार कर रही है, ताकि उन्हें अदालत में नए सिरे से याचिका दाखिल करने का मौका मिल सके। तीन बार देश के प्रधानमंत्री रह चुके नवाज शरीफ फिलहाल लंदन में हैं। उन्हें लाहौर उच्च न्यायालय ने नवंबर 2019 में उपचार कराने के लिए चार सप्ताह के वास्ते विदेश जाने की अनुमति दी थी। पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की सरकार ने नवाज शरीफ के विरूद्ध भ्रष्टाचार के कई मामले चलाए थे।
पाकिस्तान मीडिया में गृह मंत्री राना सनाउल्लाह के जरिए से इस आश्य की खबरें प्रसारित और प्रकाशित हो रहीं हैं कि फेडरल और स्टेट सरकार दोनों के पास ही ये अधिकार हैं कि वह किसी अभियुक्त की सजा को रद्द अथवा निलंबित कर सकती है और उसे इस बात का मौका दे सकती है कि वह पूर्व के किसी मामले में ‘‘गलत'' सजा सुनाए जाने के विरूद्ध न्यायालय में नए सिरे से मामला रख सकता है।