एलिस नॉर्वे के ओसोयरो की रहने वाली है और मात्र आठ साल की है।आजकल वह सुर्खियों में है। smithsonianmag.com की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि आवर चिल्ड्रन्स स्कूल की यह छात्रा तब सुर्खियों में आयी, जब खेल के मैदान में अपनी यात्रा के दौरान उसे एक ऐसी कलाकृति मिली, जिसने उसे अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर चर्चित कर दिया।
वह कांच का एक टुकड़ा उठाने के लिए झुकी। एक छोटी सी चट्टान की ओर वह मुड़ी। उसके मुड़ते ही उसके ध्यान शिक्षक, करेन ड्रेंज का ध्यान उसकी तरफ़ गया और ड्रेंज ने इसके संभावित महत्व को महसूस करते हुए वेस्टलैंड काउंटी काउंसिल को सूचित कर दिया।
अपने हाथ में थामते हुए जिस पांच इंच लंबी वस्तु को एलिस निहार रही थी, वह कोई साधारण और रोज़मर्रे की वस्तु नहीं थी। यह एक चकमक पत्थर का एक ऐसा कटार था, जो नवपाषाण युग का था। यह अवधि इस क्षेत्र में 2,400 ईसा पूर्व के आसपास शुरू हुई और लोगों को शिकार और इकट्ठा करने के अपने प्राथमिक व्यवसाय से खेती की ओर बढ़ते जाने का गवाह है।
लाइव साइंस की लौरा गेगेल के अनुसार इस तरह का खंजर “अक्सर बलि दिए जाने वाली जगह में ही पाया जाता है।” 00
इसके अलावा, चूंकि नॉर्वे में चकमक पत्थर नहीं पाया जाता है,इसलिए विद्वानों का मानना है कि यह 3,700 साल पुराना खंजर कहीं और, संभवतः डेनमार्क में बनाया गया था।
जब एलिस से उसकी खोज के बारे में बताने के लिए कहा गया, तो वह छोटा सा वाक्य ही बोल पायी और उसने कहा: ” अच्छा था।”
एलीस की इस खोज के बाद स्कूल के मैदानों को अन्वेषण के लिए खोदा गया और चूंकि खंजर से जुड़ी कोई कलाकृतियां नहीं मिलीं हैं, ऐसे में इस सोच को मज़बूती मिलती है कि यह औज़ार नार्वे के बाहर से आया था।
इस खंजर की जांच करने वाले विशेषज्ञों और पुरातत्वविदों ने इसे एक दुर्लभ और सुंदर खोज बताया है। नवपाषाण काल के जन-जीवन और नॉर्वे में लोगों के बारे में अधिक जानने के लिए बर्गन के विश्वविद्यालय संग्रहालय में इसका बारीकी से अध्ययन किया जायेगा।
दिलचस्प बात यह है कि एलिस अतीत से जुड़े अवशेषों और कलाकृतियों की खोज करने वाली अकेली बच्ची नहीं है। 2018 में आठ साल के एक और बच्चे, सागा वनसेक को स्वीडिश झील में एक तलवार मिली थी, जो लौह युग की थी।
इसी तरह, छह साल की इमरी इल्या ने 2020 में 3,500 साल पुरानी कनानी गोली देखी थी, जब वह इज़राइल में अपने परिवार के साथ लंबी पैदल यात्रा कर रही थी।