Mars Unsafe for Humans: बीते दिन वैज्ञानिकों ने एक और इतिहास रचते हुए मंगल ग्रह से लाइव फोटो भेजी है, जिन तस्वीरों के लिए हमें काफी ज्यादा लंबा इंतजार करना पड़ता था, वो महज 16 मिनट में धरती तक पहुंच गई। लेकिन इस बीच अब एक स्टडी ने टेंशन दे दी है। नई स्टडी के मुताबिक मंगल ग्रह पर सब ‘मंगल’ नहीं है। यहां रेडिएशन काफी ज्यादा है। लाल ग्रह पर जीवन की संभावना तलाशने की कोशिश में यह एक झटका है। स्टडी के मुताबिक मंगल ग्रह पर कोई इंसान ज्यादा से ज्यादा बस चार साल तक ही जिंदा रह सकता है।
मंगल की डगर बहुत कठिन
UCLA के शोधकर्ताओं ने मंगल पर जीवन को लेकर गहन शोध किया है और यहां आने वाली चुनौतियों के बारे में बताया है। इस अध्ययन में दो चीजों पर फोकस किया गया है।पहला: मिशन के दौरान मंगल पर जाने वाले एस्ट्रोनॉटस और स्पेसक्राफ्ट की सुरक्षा। दूसरा: इंसानी जीवन पर रेडिएशन का होने वाला प्रभाव।
लाल ग्रह पर जाने का सही समय
अच्छी बात यह है कि शोध में यह बात सामने आई है कि हमारे स्पेसक्राफ्ट इंसानों को मिशन के दौरान सुरक्षित रखने के लिए पर्याप्त हैं। हालांकि अगर उन्हें ज्यादा मोटा बनाया जाता है, तो रेडिएशन की दिक्कत हो सकती है। मगर मौजूदा स्थिति में स्पेसक्राफ्ट एस्ट्रोनॉट्स को मंगल ग्रह पर होने वाले रेडिएशन से बचाने में सक्षम है। हालांकि मिशन शुरू करने की टाइमिंग भी बहुत मायने रखेगी। शोधकर्ताओं का कहना है कि पृथ्वी से मंगल ग्रह पर जाने के लिए सही समय तब है जब सोलर एक्टिविटी अपने चरम पर हों।
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बस ‘पिकनिक’ के लिए लाल ग्रह ठीक
इसके अलावा थोड़ी टेंशन वाली बात शोध में यह भी आयी है कि भले ही हम बरसों से मंगल पर जीवन तलाश रहे हों, लेकिन यहां किसी इंसान का चार साल से ज्यादा जिंदा रहना संभव नहीं है। इस ग्रह पर अगर कोई इंसानी मिशन चलाया जाता है, तो बहुत ही मुश्किलें होंगी। यहां का वातावरण ऐसा है कि ज्यादा से ज्यादा 4 साल तक ही कोई जिंदा रह सकता है।