भारतीय क्रिकेट में सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है। कप्तानी को लेकर बीसीसीआई और विराट कोहली के बीच ठनी हुई है। दोनों ओर से बयानबाजी हो रही है। इस बीच एक बड़ी अधिकारी ने इस्तीफा दे दिया है। साल्वी ने शनिवार को पीटीआई-भाषा को बताया कि उनकी नोटिस की अवधि 30 नवंबर को समाप्त हो गई थी लेकिन उन्होंने भारत और न्यूजीलैंड के बीच तीन से सात दिसंबर (छह दिसंबर) तक चले दूसरे टेस्ट मैच तक अपनी सेवाएं दी। इस इस्तीफे से अब विजय मर्चेंट ट्रॉफी में होने वाले खिलाड़ियों की उम्र को लेकर दिक्कतों की संभावना भी बढ़ गई है।
अभिजीत साल्वी ही बतौर मेडिकल अधिकारी खिलाड़ियों की उम्र के सत्यापित करते थे। अभिजीत साल्वी ने मुंबई में भारत और न्यूजीलैंड के बीच खेले गए दूसरे टेस्ट के बाद अपने पद से निजी कारणों का हवाला देते हुए इस्तीफा दे दिया था। साल्वी ने कहा, 'मैं यह मौका देने के लिए बीसीसीआई का शुक्रिया अदा करता हूं। मैं इस संगठन को 10 साल देने के बाद आगे बढ़ना चाहता था। कोविड-19 के समय यह 24×7(हर समय सेवा देने के लिए उपलब्ध) जैसी नौकरी बन गई थी और मैं अब खुद और परिवार को समय देना चाहता हूं।' साल्वी बीसीसीआई के एज वेरिफिकेशन, डोपिंग रोधी विभाग और चिकित्सा विभाग के प्रभारी थे। उनका इस्तीफा अगले महीने होने वाली लड़कों के अंडर-16 राष्ट्रीय चैंपियनशिप (विजय मर्चेंट ट्रॉफी) से पहले आया है।
अभिजीत साल्वी को 9 जनवरी से शुरू होने वाली BCCI की अंडर-16 विजय मर्चेंट ट्रॉफी के लिए खिलाड़ियों की सही उम्र सत्यापित करने की जिम्मेदारी दी गई थी। उनके इस्तीफे के बाद इस पर सवालिया निशान भी शुरू हो गए हैं और एकबार फिर से खिलाड़ियों की उम्र को लेकर दिक्कतों के आसार भी बढ़ते जा रहे हैं। हालांकि, अभी बोर्ड ने उनकी जगह कौन भरेगा इसका ऐलान नहीं किया है। अभिजीत साल्वी को बोन डेंसिटी टेस्ट के लिए जाना जाता है, जो किसी भी इंसान की सटीक उम्र का पता लगाया जाता है।
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