टी20 वर्ल्ड कप को कुछ खिलाड़ी और नेता इसे धर्म के चश्मे से देख रहे हैं। हाल ही में भारत के खिलाफ पाकिस्तान ने जीत हासिल की तो इसे पाकिस्तान के एक मंत्री ने इस्लाम की जीत करार दिया। इस बीच मैदान पर नमाज पढ़ने का भी वीडियो सामने आया। धर्म के आईने से देखने वालों को भारत के पूर्व खिलाड़ी मोहम्मद कैफ ने करारा जवाब दिया। एक टीवी न्यूज चैनल को दिए इंटरव्यू में मोहम्मद कैफ ने कहा कि मैदान में खेल खेलने के लिए जब खिलाड़ी उतरता है तो वो धर्म, रंग, जाति सबसे ऊपर होता है। फिर ऐसा क्यों है कि सिर्फ पाकिस्तान के खिलाड़ी ही मैदान पर अपने धर्म को लाते दिखते हैं।
इस इंटरव्यू में मोहम्मद कैफ ने एक किस्सा भी शेयर किया और बताया कि एक बार जब वो पाकिस्तान के दौरे पर खेलने गए थे तो वहां बहुत सारे लोग उनसे ये जानना चाहते थे कि भारत में मुसलमान होना कैसा है। इस सवाल के जवाब में उन्होंने कहा था कि एक मुसलमान होते हुए उन्होंने उस भारत को अंडर-19 क्रिकेट वर्ल्ड कप जिताया है, जिसके राष्ट्रपति भी डॉक्टर एपीजे अब्दुल कलाम हैं। उनकी पत्नी हिन्दू हैं, लेकिन परिवार में आज भी ईद के साथ दिवाली का भी जश्न मनाया जाता है। वो ये भी कहते हैं कि भारत का राष्ट्रीय ध्वज उन्हें हमेशा गौरांवित करता है।
आपको बता दें कि पाकिस्तान के गृह मंत्री ने भारत के खिलाफ पाकिस्तान की जीत को इस्लाम की जीत बताया था। जिसके बाद पूर्व खिलाड़ी ने भी हिंदु-मुसलमान करना शुरू कर दिया। वर्ल्ड कप मैच के दौरान मोहम्मद रिजवान का एक वीडियो तेजी से वायरल हुआ। ड्रिंक्स ब्रेक के दौरान रिजवान मैदान पर नमाज पढ़ते नजर आए थे। पाकिस्तान के पूर्व तेज गेंदबाज शोएब अख्तर ने सोशल मीडिया पर रिजवान का वीडियो भी शेयर किया है। उन्होंने कैप्शन में लिखा- अल्लाह उस सिर को किसी और के आगे झुकने नहीं देता जो उसके सामने झुकता है।'
ऐसा नहीं है कि पाकिस्तान के किसी खिलाड़ी ने पहली बार मैच के दौरान नमाज पढ़ी या आखिरी बार ऐसा हुआ है। पहले भी कई बार पाकिस्तानी खिलाड़ी मैदान पर नमाज पढ़ चुके हैं। अभी एक दिन पहले भी मैच ट्रेनिंग के दौरान खिलाड़ियों ने मैदान पर ही नमाज पढ़ी। साल 2007 के टी20 वर्ल्ड कप फाइनल में जब भारत ने पाकिस्तान की टीम को हरा दिया था, तब पाकिस्तानी खिलाड़ी शोएब मलिक ने कहा था कि वो दुनिया के सभी मुसलमानों से माफी मांगते हैं, जिनके लिए वो वर्ल्ड कप नहीं जीत पाए।