विराट कोहली का अचानक से टी20 का कप्तीन छोड़ना भले ही वर्कलोड़ के चलते हुआ हो, लेकिन अब वनडे में भी उनका कप्तान रह पाना आसान नहीं रहने वाला। भारतीय टीम की टी20 और वनडे टीम एक ही है। ऐसे में वनडे के ढांचे में भी कोहली अपने की फीट नहीं कर पाएंगे। कोहली ने कहा है कि वह अन्य दो प्रारूपों में कप्तान बने रहेंगे, लेकिन कोई भी स्पष्ट तौर पर यह नहीं कह सकता कि वह स्वदेश में 2023 में होने वाले वर्ल्ड कप तक वो भारत के कप्तान बने रहेंगे।
बीसीसीआई के एक सूत्र ने पीटीआई को बताया, विराट को पता है कि अगर टीम यूएई में टी20 विश्व कप में अच्छा प्रदर्शन नहीं करती है तो उन्हें सीमित ओवरों की कप्तान से हटाया जा सकता था। जहां तक सीमित ओवरों की कप्तानी का सवाल है तो उन्होंने हटकर अच्छा किया है। उन्होंने कहा कि उन्होंने अपने ऊपर से थोड़ा दबाव कम किया है क्योंकि ऐसा लग रहा है कि वह अपनी शर्तों पर यह काम कर रहे थे। अगर टी20 में प्रदर्शन में तो शायद 50 ओवर में प्रारूप में ऐसा नहीं हो।
अगला कप्तान रोहित शर्मा को ही माना जा रहा है। रोहित शर्मा को ‘नेतृत्वकर्ता’ माना जाता है, जिन्होंने युवा खिलाड़ियों को साथ लेकर चलना सीख लिया है और वह इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) में मुंबई इंडियंस के साथ साल दर साल ऐसा करते आए हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, कोहली की कप्तानी के तरीके और उसके टीम के साथियों पर पड़ते असर के कारण उनके पक्ष में ड्रेसिंग रूम का समर्थन लगातार कम होता जा रहा था।
रिपोर्ट के मुताबिक, कोहली की कप्तानी के गवाह बनने वाले लोगों का मानना है कि उनके काम करने के तरीके में लचीलापन नहीं है। इसका सबसे ताजा उदाहरण साउथैम्पटन में विश्व टेस्ट चैंपियनशिप फाइनल में दो स्पिनरों के साथ उतरने का फैसला था। भारत ने इंग्लैंड में टेस्ट सीरीज में भले ही 2-1 की बढ़त बनाई हो, लेकिन दुनिया के नंबर एक ऑफ स्पिनर रविचंद्रन अश्विन को नहीं खिलाने के फैसले पर सवाल उठते हैं। पिछले साल ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ एडिलेड टेस्ट से पूर्व उन्हें पूर्ण समर्थन हासिल था, लेकिन उस मैच में भारत के 36 रनों पर सिमटने और फिर कोहली के पितृत्व अवकाश पर जाने से चीजें काफी बदल गईं।
विराट कोहली की कप्तानी को एक लेकर एक बड़ा आरोप टीम के अन्य खिलाड़ियों के साथ संवाद की कमी का भी लगता रहा है। इसके गवाह रह चुके टीम के ही एक पूर्व खिलाड़ी ने समाचार एजेंसी पीटीआई को अनौपचारिक बातचीत में बताया, विराट के साथ समस्या संवाद की है। महेंद्र सिंह धोनी का कमरा हर वक्त खुला रहता था और कोई भी खिलाड़ी अंदर जा सकता था, वीडियो गेम खेल सकता था, खाना खा सकता था और जरूरत पड़ने पर क्रिकेट के बारे में बात कर सकता था। वहीं मैदान के बाहर कोहली से संपर्क कर पाना बेहद मुश्किल है। पूर्व क्रिकेटर ने कहा, ‘रोहित में धोनी की झलक है, लेकिन अलग तरीके से। वह जूनियर खिलाड़ियों को खाने पर ले जाते हैं, जब वह निराश होते हैं तो उनकी पीठ थपथपाते है और उन्हें खिलाड़ियों के मानसिक पहलू के बारे में पता है।
वो वजहें जिसके कारण चली गई कोहली की कप्तानी, जानें पर्दे के पीछे की कहानी