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Britain में भी मोदी मैजिक! ऋषि सुनक ने भारत के हक में लिया बड़ा फैसला

Pm Modi-Rishi Sunak

बीते दिनों प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी G-20 शिखर सम्मेलन और इससे इतर वैश्विक नेताओं के साथ द्विपक्षीय बैठकों में शिरकत करने के लिए इंडोनेशिया के बाली पहुंचे हुए हैं। 2 दिन तक चलने वाला G-20 शिखर सम्मेलन कल यानी मंगलवार से शुरू हो गया है। इस शिखर सम्मेलन में एक बार फिर से भारत की ताकत देखने को मिला। एक बार फिर से देखा गया कि दुनिया के सुपरवापर की नजर में भारत की क्या एहमियत है। दरअसल, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से यहां ब्रिटिश पीएम ऋषि सुनक (Rishi Sunak) की मुलाकात हुई। जिसके बाद ब्रिटिश पीएम (British PM) ने भारत के युवा पेशेवरों को हर साल यूके में काम करने के लिए 3,000 वीजा के लिए हरी झंडी दे दी है।

आपको बता दें कि ब्रिटिश सरकार के द्वारा यह घोषणा G20 शिखर सम्मेलन के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से ब्रिटिश पीएम ऋषि सुनक की मुलाकात के कुछ घंटों बाद हुई है। पिछले महीने पहले भारतीय मूल के ब्रिटिश पीएम के पदभार संभालने के बाद यह उनकी पहली मुलाकात थी।

शिक्षित भारतीय नागरिकों को मिली ये सुविधा 

ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक ने भारत के युवा पेशेवरों को हर साल यूके में काम करने के लिए 3,000 वीजा के लिए अपनी बात पर मुहर लगा दी। ब्रिटिश सरकार ने कहा कि भारत इस तरह की योजना से लाभान्वित होने वाला पहला देश है। यूके के प्रधानमंत्री कार्यालय ने कहा,’आज यूके-इंडिया यंग प्रोफेशनल्स स्कीम की पुष्टि की गई, जिसमें 18-30 साल के शिक्षित भारतीय नागरिकों को 3,000 वीजा और दो साल तक काम करने की पेशकश की गई है।’

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नई यूके-इंडिया यंग प्रोफेशनल्स स्कीम के तहत ब्रिटेन 18-30 वर्षीय डिग्री-शिक्षित भारतीय नागरिकों को दो साल तक यूके में रहने और काम करने के लिए यूके आने के लिए सालाना 3,000 वीजा की पेशकश करेगा। डाउनिंग स्ट्रीट ने एक बयान में कहा, ‘योजना का शुभारंभ भारत के साथ हमारे द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने की दिशा में महत्वपूर्ण क्षण है। इससे भारत-प्रशांत क्षेत्र के साथ दोनों देशों की अर्थव्यवस्थाओं को मजबूत करने में भी मदद मिलेगी।’

आपको बता दें कि यूके में सभी अंतरराष्ट्रीय छात्रों में से लगभग एक चौथाई भारत से हैं। ब्रिटेन वर्तमान में भारत के साथ एक व्यापार समझौते पर बातचीत कर रहा है। यदि दोनों देशों में सहमति बनती है तो यह भारत का एक यूरोपीय देश के साथ अपनी तरह का पहला सौदा होगा।