1971 में पाकिस्तान के करीब 93 हजार सैनिकों को भारत के आगे घुटने टेकने पड़े। जंग की असल जमीन 1970 में हुए आम चुनाव में तैयार हुई थी। बताया जाता है कि चुनाव में पूर्वी पाकिस्तान की 169 में से 167 सीटें हासिल करने के बावजूद भी मुजीबुर्रहमान की पार्टी आवामी लीग को पाकिस्तान ने सत्ता नहीं सौंपी।