रोहिंग्याओं को क्या जम्मू-कश्मीर का रास्ता मालूम था? उन्हें जम्मू कैंट के पीछे बसा दिया। दिल्ली में एक-एक लाख रुपए देकर भेजा जा रहा है। पहले बिरियानी का ठेला लगाते हैं। फिर राशन कार्ड, राशन कार्ड से वोटर कार्ड और फिर आधार कार्ड। बहुत खतरनाक साजिश है ये। डेमोग्राफी चेंज की जा रही है।