Britain में भारतीय मूल की एक सात साल की बच्ची ने कमाल कर दिखाया है। भारतीय मूल की बच्ची मोक्षा रॉय को ब्रिटेन के प्रतिष्ठित प्लाइंट ऑफ लाइट्स पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। मोक्षा राय को यह पुरस्कार जिस उम्र में मिला उस उम्र में अक्सर बच्चे खिलौना से खेलते नज़र आते हैं,लेकिन मोक्षा को माइक्रोप्लास्टिक प्रदूषण के विरुद्ध संयुक्त राष्ट्र संपोषणीय पहल के लिए काम करने के चलते यह पुरस्कार मिला है।
मोक्षा तीन साल की उम्र से ही इस मिशन में लगी हुई थी। महज तीन साल की ही उम्र से मोक्षा माइक्रोप्लास्टिक प्रदूषण के विरुद्ध काम कर रही है। माइक्रोप्लास्टिक प्रदूषण के विरुद्ध संयुक्त राष्ट्र संपोषणीय पहल के लिए स्कूली छात्रा मोक्षा को ब्रिटिश प्रधानमंत्री की ओऱ से ‘प्वाइंट्स ऑफ लाइट’ पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
मोक्षा को ‘प्वाइंट्स ऑफ लाइट’ पुरस्कार
हालांकि पिछले सप्ताह मोक्षा रॉय को ब्रिटिश उपप्रधानमंत्री ओलिवर डाउडेन ने सात वर्षीय मोक्षा रॉय को यह पुरस्कार अपने हाथओं प्रदान किया। बता दें कि मोक्षा को दुनिया की सबसे छोटी संपोषणीय पैरोकार के रूप में यह पुरस्कार मिला।
जरूरतमंद बच्चों के लिए धनराशि जुटाना प्राथमिकता
बताया जा रहा है कि मोक्षा की पहचान जरूरतमंद बच्चों की मदद के लिए धनराशि जुटाने के साथ-साथ कई संपोषणीय अभियानों में काम करने से मिली।
मोक्षा ने इसके लिए काफी संघर्ष किया-डाउडेन
ब्रिटिश उपप्रधानमंत्री डाउडेन ने कहा कि,’मोक्षा ने संयुक्त राष्ट्र संपोषणीय विकास लक्ष्यों की पैरोकारी करते हुए अपने काम जरिए एक मिसाल कायम की है। स्कूली सिलेबस में इन बातों को स्थान दिलाने के लिए मोक्षा ने लंबा संधर्ष किया और इस बातों पर विचार करने के लिए दुनियाभर के नेताओं से संपर्क में रही है।‘
पुरस्कार पाकर काफी खुश हूं-मोक्षा
इतना ही नहीं सात साल की इस बच्ची ने भारत में वंचित स्कूली बच्चों के लिए शैक्षणिक सत्रों में भी सहायता की है। वहीं मोक्षा ने कहा कि,’ मैं प्वाइंट्स ऑफ लाइट पुरस्कार पाने के बाद बहुत खुश हूं। आशा करती हूं कि बच्चे एवं बड़े यह समझने का प्रयास करेंगे कि दुनिया में रहने वाले लोगों की देखभाल करना और सभी के जीवन में बदलाव लाना महज कुछ लोगों का काम नहीं है,इसके लिए सबको मिलकर प्रयास करना होगा।‘
दांतों की तरह ग्रह की देखभाल करें
मोक्षा ने कहा कि हम अपनी दांतों की देखभाल करने और दर्द से बचने के लिए नित ब्रश करते हैं,ठीक उसी तरह हम दूसरों के साथ-साथ अपने लिए इस ग्रह की देखभाल करें।
बेटी की सफलता पर माता-पिता को गर्व
वहीं अपनी बेटी की इस कामयाबी पर मोक्षा के माता-पिता रागिनी रॉय औऱ सौरव रॉय ने कहा कि उनकी बेटी की कोशिश साबित करती है कि समाज में छोटे बच्चे की भी भूमिका जलवायु परिवर्तन का मुक़ाबला करने में है।
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