Hindi News

indianarrative

Taliban ने खत्म कर दिया पूरा अफगान! हर तरफ हाय-हाय- घर चलाने के लिए अपने बच्चों को बेच रहे लोग

अफगानिस्तान में हर तरफ हाय-हाय

अफगानिस्तान में तालिबान ने जब से कब्जा किया है तब से वो दुनियाभर से कहता फिर रहा है कि वो उसका समर्थन करें इसके साथ ही उसका खास दोस्त पाकिस्तान भी विश्व मंच पर जमकर तालिबान सरकार को समर्थन करने का आलाप राग रहा है। लेकिन दुनिया के बड़े देशों ने वेट एंड वॉच की स्ट्रैटजी अपनाई हुई है। इस अफगानिस्तान में स्थिति बेहद ही बदतर हो गई है, लोग भुखमरी का शिकार हो रहे हैं। देश की अर्थव्यवस्था चरमराई हुई है। देश में इस वक्त स्थिति कितनी खराब है इसका अंदाजा इसी से लगा सकते हैं कि लोग अपना पेट पालने के लिए अब अपने बच्चों को बेचने के लिए मजबूर हो गए हैं।

यह भी पढ़ें- Imran Khan को लगा 440 वोल्ट को झटका- ISIS-K का पहला टार्गेट पाकिस्तान को तबाह करना

अफगानिस्तान में आर्थिक संकट इतना अधिक बढ़ गया है कि लोगों को दो वक्त की रोटी तक नसीब नहीं हो रही। लोग शादी के लिए अपनी छोटी बच्चियों को बेच रहे हैं। हाल के महीनों में विस्थापित हुए कई अफगान गरीबी और भुखमरी से जूझ रहे हैं। परिवार के बाकी लोगों का पेट भरने के लिए ये लोग अपनी नाबालिग बच्चियों को बेच रहे हैं। एक अमेरिकी वेबसाइट ने ऐसे ही कुछ लोगों की कहानी बताई है।

जो अमेरिकी रिपोर्ट सामने आई है उसके मुताबिक, केवल 9 सा की एक बच्ची को बीते महीने 55 साल के आदमी को बेच दिया गया। बच्ची का परिवार बागलान प्रात के एक कैंप में रहता है और परिवार में आठ सदस्य हैं। तालिबान के आने के बाद से ये लोग मुश्किल से अपने घर का खर्चा निकाल पाते हैं। तालिबान के आने के बाद से अफगानिस्तान को मिलने वाली विदेशी मदद रुक गई है जिसके चलते यहां कि हालत बेहद ही भयावह होते जा रही है। एक बयान में बच्ची के पिता ने कहा कि, कुछ महीने पहले अपनी एक 12 साल की बच्ची को भी बेच चुका है और अब 9 साल की दूसरी बेटी को बेचना पड़ रहा है। उनका कहना है कि वो अपने इस फैसले के कारण टूट गए हैं और ये एक शर्म से भरा हुआ काम है।

वहीं, जिस बच्ची को बेचा गया है, वो पढ़ कर अध्यापक बनना चाहती लेकिन परिवार ने अपने आर्थिक संकट के चलते उसके सपनों को मार दिया। अफगानिस्तान में ये सिर्फ एक कहानी नहीं है बल्कि, तालिबान के आने के बाद से अबतक न जाने कितने परिवारों ने अपने बच्चियों को बेच दिया है। हाल ही के दिनों में देखा गया था कि काबुल के बाजारों में एक व्यक्ति अपने बच्चों को बेचने के लिए खड़ा था।

यह भी पढ़ें- सनकी तानाशाह को मिला China-Russia का साथ, संयुक्त राष्ट्र से कहा- खत्म करो कड़े प्रतिबंध

इधर तालिबान लगातार यह दावा कर रहा है कि महिलाओं के प्रती व पहले जितना कठोर नहीं है और उन्हें काम करने की और पढ़ने की पूरी आजादी है। लेकिन जब देश में काम ही न हो नौकरी ही न हो तो पैसा कहां से आएगा। हालांकि, कई रिपोर्टों में ये दावा किया गया है कि तालिबान सरासर झूठ बोल रहा है और महिलाओं और बच्चियों पर अपने कठोर नियम थौप दिया है जिसके चलते अब महिलाएं घरों से बाहन नहीं निकल सकती हैं।