हथियार बनाने की सनक के चलते सनकी तानाशाह किम जोंग उन ने उत्तर कोरिया की आर्थिक हालत को मिट्टी में मिला दिया है और अब वहां पर भूखमरी की स्थिति आ गई है। पिछले महीने यूनाइटेड नेशंस की एक रिपोर्ट में बताया गया कि, उत्तर कोरिया में हजारों लोगों की मौत भूख की वजह से हो सकती है। उत्तर कोरिया की मदद करने के लिए चीन और रूस ने संयुक्त राष्ट्र से लगे कड़े प्रतिबंध खत्म करने के लिए कहा है।
यह भी पढ़ें- पाकिस्तान को झटके पे झटका, खुद के खोदे हुए गड्ढे में गिरा
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने उत्तर कोरिया पर जो प्रतिबंध लगाए हैं उनमें समुद्री भोजन और कपड़ों के निर्यात से लेकर परिष्कृत पेट्रोलियम उत्पादों के आयात पर लगी सीमा और विदेशों में काम करने वाले उसके नागरिकों पर और उनकी कमाई घर भेजने पर रोक शामिल है। परिषद के सदस्यों को उपलब्ध कराए गए मसौदा प्रस्ताव में उत्तर कोरिया में आर्थिक मुश्किलों पर जोर दिया गया और कहा गया है कि इन्हें और अन्य प्रतिबंधों को हटाया जाना चाहिए ताकि नागरिक आबादी की आजीविका बढ़ाई जा सके।
2006 में परमाणु परीक्षण करने के बाद सुरक्षा परिषद ने उत्तर कोरिया पर प्रतिबंध लगाए फिर बाद के परमाणु परीक्षण और तेज होते बैलिस्टिक मिसाइल कार्यक्रम के जवाब में उन्हें और कठिन बना दिया। संयुक्त राष्ट्र की पूर्व राजदूत निक्की हेली ने साल 2018 में कहा था कि, इन प्रतिबंधों ने सभी उत्तर कोरियाई निर्यात और उसके 90 प्रतिशत व्यापार को रोक दिया था। यहां तक की उन श्रमिकों के ग्रुप को बैन कर दिया गया था जिन्हें उत्तर कोरिया ने पैसा कमाने के लिए विदेश भेजा था।
चीन और रुस ने एक बार फिर से सनकी तानाशाह के लिए आवाज उठाई है। चीन को पहले से बी उत्तर कोरिया का काफी करीबी माना जाता है। उसके इस देश के साथ काफी पुराने संबंध हैं। दोनों ही देशों के बीच व्यापार भी लंबे वक्त से चल रहा है।
यह भी पढ़ें- ये है Imran Khan की असलियल- अब तो तालिबान के भी पीठ में घोंपा खंजर
बताते चलें कि, उत्तर कोरिया में प्रतिबंधों के कारण अर्थव्यवस्था बुरी तरह चरमराई हुई है। कोरोना पर नियंत्रण पाने के लिए किम जोंग उन ने चीन से लगने वाली सीमा भी बंद कर दी है जबकि दुनिया के बाकी हिस्से से ये देश पहले से ही कटा हुआ है। इसके साथ ही देश में बाढ़ जैसी समस्याएं भी सामने आई हैं जिसके चलते भुखमरी के हालात पैदा हो गए हैं।