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Afghanistan में Taliban का खूनी खेल! नई रिपोर्ट में डराने वाले खुलासे- इतने पूर्व अधिकारियों को मार डाल

तालिबान का खूनी खेल

अफगानिस्तान में तालिबान ने जब से कब्जा किया तब से अपने मन मुताबिक कानून बना रहा है। एक तरफ तो तालिबान दुनिया से समर्थन करने की गुहार लगा रहा है लेकिन वहीं, दूसरी ओर वो लोगों पर जुल्म ढा रहा है। तालिबान उस सबको मार दे रहा है जो उसके खिलाफ हैं यहां तक कि पूरानी सरकार में या फिर अमेरिकी सेना का भी जिन लोगों ने मदद किया तालिबान उसे खोज-खोज कर मार रही है। अब एक नई रिपोर्ट में दावा किया गया है कि तालिबानियों ने 100 से अधिक पूर्व पुलिस अधिकारियों को या तो मार दिया या फिर गायब कर दिया है।

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तालिबान का खूनी खेल समय समय पर सामने आता रहता है। दुनिया से समर्थन मांग रहा तालिबान अब अफगानिस्तान की मीडिया तक पर सेंसर लगाते हुए फरमान दिया है कि उसके खिलाफ गया तो अंजाम बुरा होगा। खैर ह्यूमन राइट्स वॉच की नई रिपोर्ट की माने तो तालिबान लड़ाकों ने अफगानिस्तान में कब्जा करने के बाद से 100 से अधिक पूर्व पुलिस और खुफिया अधिकारियों को या तो मार डाला है या जबरन गायब कर दिया है।

रिपोर्ट में कहा गया है कि तालिबान ने सरकारी रोजगार रिकॉर्ड का उपयोग करते हुए पूर्व अधिकारियों और उन लोगों को निशाना बनाया जिन्होंने आत्मसमर्पण किया था और सुरक्षा को लेकर पत्र प्राप्त किये थे। कुछ मामलों में, स्थानीय तालिबान कमांडरों ने लक्षित किए जाने वाले लोगों की सूची यह कहते हुए तैयार की है कि उन्होंने अक्षम्य कृत्य किए हैं। रिपोर्ट में आगे बताया गया है कि, हत्याओं के स्वरूप से पूरे अफगानिस्तान में आतंक उत्पन्न हो गया है, क्योंकि पहली सरकार से जुड़ा कोई भी व्यक्ति सुरक्षित नहीं है।

रिपोर्ट में बताया गया कि, तालिबान ने पूर्वी नांगरहार प्रांत में ऐसे लोगों को निशाना बनाया है जिनके बारे में उसे संदेह है कि वे इस्लामिक स्टेट समूह का समर्थक हैं। यह प्रांत आईएस के हमलों का केंद्र है। आंखों देखी हाल का बयां करते हुए यहां के लोगों का कहना है कि, प्रांत की राजधानी जलालाबाद में मंगलवार को तालिबान ने आईएस आंतकवादियों के एक संदिग्ध ठिकाने पर धावा बोल दिया और इसमें आठ घंटे तक दोनों ओर से भीषण गोलीबारी हुई।

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तालिबान ये बार-बार कहता आया है कि सशस्त्र बलों के सदस्यों सहित पूर्व सरकार के कर्मियों को उससे डरने की जरूरत नहीं है। वो सुरक्षित हैं। लेकिन ऐसा बिल्कुल भी नहीं है जिन्होंने आत्मसमर्पण किया उन्हें तक तालिबान ने जान से मार दिया। हालांकि, तालिबान प्रधानमंत्री मोहम्मद हसन अखुंद ने इस बदले की कार्रवाई को इनकार कर दिया। लेकिन सच में यह है कि तालिबान के आने के बाद से अफगानिस्तान में लोगों पर जुल्म बढ़ गया है। अभी हाल ही में एक डॉक्टर को सरेआम गोली इसलिए मार दी गई क्योंकि, उसने रेड लाइट पर गाड़ी नहीं रोकी।