Pakistan Dal Crisis: जो भी चीन के चक्कर में पड़ा वो बुरी तरह से फंस गया। BRI और अन्य चीजों का लाभ देकर चीन का काम ही है छोटे देशों को अपने कर्ज जाल में फंसाना। अगर चीन के इस प्रोजेक्ट से किसी देश को फायदा होता तो उसकी अर्थव्यवस्था ऊपर जाती। लेकिन, यहां तो जितने भी देशों ने चीन के कर्ज लिया वो सारे बर्बाद हो रहे हैं। श्रीलंका तो पूरी तरह हो गया। पाकिस्तान (Pakistan Economic Crisis) भी अब दूसरा श्रीलंका बनने की राह पर तेजी से चल रहा है। इस वक्त पाकिस्तान (Pakistan Dal Crisis) की हालत बेहद ही बुरी है। पाकिस्तान में तो चीन के तो CPEC के तहत कई सारे प्रोजेक्ट चल रहे थे। लेकिन, फिर से पाकिस्तान कंगाल हो गया। एक तो चीन से दोस्ती दूसरा आतंकवाद को पालना पाकिस्तान के ही गले फांस बन गया है। इस वक्त हाल यह है कि, पाकिस्तान में महंगाई से बुरी तरह प्रभावित लोगों को दो टाइम का भेजन मिल जाए वही बहुत है। पाकिस्तान में लगातार एक-एक कर चीजों की कमी होते जा रही है। अब रसोई का एर और बुनियादी सामान महंगा होना शुरू हो गया है। पाकिस्तान में दाल (Pakistan Dal Crisis) की भी किल्लत अब शुरू हो गई है। धीरे-धीरे इसके भी दामों में वृद्धि शुरू हो गई है।
पाकिस्तान में दाल की भारी कमी
एक रिपोर्ट के मुताबकि, बैंकों की ओर से प्रासंगिक दस्तावेजों के अनुमोदन में देरी के कारण बंदरगाह पर आयातित खेपों की निकासी न होने के चलते दालों की कीमतें बढ़ रही हैं। डॉन की रिपोर्ट के अनुसार, कराची होलसेलर्स ग्रॉसर्स एसोसिएशन (केडब्ल्यूजीए) के अध्यक्ष रउफ इब्राहिम ने कहा कि व्यापारियों ने डॉलर की कमी और बैंकों के कारण पिछले दो महीनों से बंदरगाह पर दालों के 6,000 से अधिक कंटेनरों की निकासी नहीं होने के खिलाफ गुरुवार को स्टेट बैंक के मुख्य कार्यालय के बाहर विरोध प्रदर्शन किया।
आसमान में पहुंचा दाल का रेट
एक रिपोर्ट के मुताबिक, पाकिस्तान में चना दाल का थोक मूल्य 1 जनवरी, 2023 को 180 पीकेआर और 1 दिसंबर, 2022 को 170 पीकेआर से बढ़कर 205 पीकेआर प्रति KG हो गया है। मसूर की कीमत 205 पीकेआर से 225 पीकेआर तक पहुंच गई, जबकि दिसंबर में यह 200 पीकेआर थी। खुदरा बाजारों में, मसूर, मूंग, मैश और चने की दाल की दरें 270-280 पीकेआर, 250-300 पीकेआर, 380-400 पीकेआर और 230-260 पीकेआर, 210-240 पीकेआर, 180-220 पीकेआर, 260-300 पीकेआर प्रति किलो हो गई हैं।
मुल्क में दाल की कमी और बंदरगाह पर अटके हैं कंटेनर
पाकिस्तान में इस वक्त कई चीजों की भारी किल्लत है लेकिन, सबसे ज्यादा आटे की है। स्थिति ये है कि, बलोचिस्तान में गेहूं ही खत्म हो चुका है। जहां आटा बांटा जा रहा है वहां सैकड़ों लोगों की भीड़ इकट्ठा हो जा रही है। सस्ती कीमत पर आटा लेने के दौरान भगदड़ भी मच गई जिसमें एक शख्स की मौत भी हो चुकी है। आटा के बाद अब दाल की भी कीमत सातवें आसमान पर पहुंच गई है। अब हाल यह है कि, बंदरगाह पर दालों के कंटेनरों के पड़े रहने के चलते पाकिस्तान में खुदरा मुल्य और भी ज्यादा बढ़ सकता है। डॉन की रिपोर्ट की माने तो, मजीद का कहना है कि, बैंकों ने 1 जनवरी 2023 से किसी भी आयात दस्तावेज को स्वीकार करना बंद कर दिया है साथ में वर्तमाऩ में आने वाले कार्गो और अन्य प्रासंगिक दस्तावेजों का भुगतान भी कर दिया है। पाकिस्तान सालाना करीब 15 लाख टन आयातित दालों की खपत करता है। उन्होंने बताया कि अटके हुए कंटेनरों पर दैनिक आधार पर भारी विलंब शुल्क और शिपिंग कंपनी निरोध शुल्क लगा रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह अतिरिक्त लागत स्पष्ट रूप से अंतिम उपभोक्ताओं को हस्तांतरित की जाएगी।
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