पाकिस्तान की सत्ता में काफी हेर-फेर के बाद शाहबाज शरीफ ने प्रधानमंत्री की कुर्सी पर कब्जा जमा लिया है। पाकिस्तान की नई सरकार कई चुनौतियों का सामना कर रही है। देश इस वक्त कंगाली की राह पर है। आतंकियों का हमला बढ़ गया है। साथ ही विश्व कर्ज का बोझ भी देश पर लगातार बढ़ता जा रहा है। इस बीच शाहबाज शरीफ सरकार के लिए एक और बड़ी चुनौती आ गई है। दरअसल, सरकार का गठन होते ही गठबंधन में दरारें पड़नी शुरू हो गई हैं। प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ के फैसले से कई मंत्री नाराज चल रहे हैं और अब एक बार फिर से पाकिस्तान की राजनीति में बड़ भूचाल देखने को मिल सकता है।
दरअसल, 19 अप्रैल को शाहबाज शरीफ ने मंत्रिमंडल का गठन किया। लेकिन, मंत्रीमंडल के गठबंधन के बाद गठबंधन के सहयोगियों में कड़वाहट बढ़ गई है। कुछ सहयोगियों ने अपने सदस्यों के चयन के मामले में कैबिनेट को सर्वश्रेष्ठ संभव बताया है। हालंकि गठबंधन के दो सबसे बड़े दल पाकिस्तान मुस्लिम लीग -नवाज (PML-N) और पाकिस्तान पीपल्स पार्टी (PPP) कैबिनेट में अपने सदस्यों के चयन और मंत्रिमंडल के बंटवारे को लेकर असमंजस में हैं। इस पर पाक पीएम शरीफ ने ट्वीट करते हुए कहा है कि, PML-N के सुप्रीमो नवाज शरीफ और गठबंधन के सभी सहयोगियों के साथ गहन विचार-विमर्श के बाद संघीय मंत्रिमंडल का गठन किया गया है।
इसके आगे उन्होंने कहा कि, मुझे उम्मीद है कि संघीय मंत्री, राज्य मंत्री और सलाहकार नेतृत्व प्रदान करेंगे और लोगों की समस्याओं का समाधान करेंगे। पाकिस्तानी अखबार डॉन की एक रिपोर्ट की माने तो, कैबिनेट सदस्यों के चयन और उनके बीच विभागों के बंटवारे को लेकर PML-N सहित कई और गठबंधन के सहयोगियों के भीतर मतभेद है। मरियम नवाज पार्टी के दिग्गज नेताओं के नामों पर विचार नहीं करने के लिए शाहबाज से नाखुश बताई जा रही हैं। पीएम ने तथाकथित नवाज खेमे के केवल एक सदस्य जावेद लतीफ को शामिल किया था जिन्होंने शपथ नहीं ली थी। इरफान सिद्दीकी, परवेज राशिद, मुहम्मद जुबैर, दानियाल अजीज, मुसद्दीक मलिक, तलाल चौधरी, बिरजीस ताहिर, तारिक फातेमी और जफरुल्ला खान जैसे नवाज के करीबी सहयोगियों को मंत्रिमंडल में कोई जगह नहीं दी गई है।
इन सबके के बीच पहले यह खबर थी कि PPP अध्यक्ष बिलावल भुट्टो जरदारी को विदेश मंत्री बनाया जाएगा। लेकिन, उन्हें तो कैबिनेट में ही शामिल नहीं किया गया है। इसी तरह PPP खे एक और नेता मुस्तफा नवाज खोखर को राज्य मंत्री बनाया गया। लेकिन, वह केंद्रीय मंत्री नहीं बनाए जाने से नाराज चल रहे हैं और उन्होंने सीनियर नेताओं को तहरीज नहीं दिए जाने को लेकर ऑफिस जाने से इनकार कर दिया है। पाकिस्तानी मीडिया के मुताबिक PPP की नजर राष्ट्रपति के पद और पंजाब के राज्यपाल के पद पर भी है।