रूसी सेना ने यूक्रेन के मध्य, उत्तरी और दक्षिण हिस्से में स्थित शहरों में गोलाबारी तेज कर दी है। रुस ने यूक्रेन के कुछ हिस्सों पर कब्जा जमा लिया है। वहीं जेलेंस्की ने अमेरिका से मदद मांगते हुए साफ कहा कि शायद, वो उन्हें आखिरी बार जिंदी देख रहे है। जेलेंस्की को अपनी जान पर खतरा महसूस हो रहा है। ऐसे में अमेरिका ने जेलेंस्की सरकार को बचाए रखने के लिए प्लान बनाना शुरू कर दिया है। इस कड़ी में अमेरिका ने एक ऐसा प्लान तैयार किया है। जिसको भेद पाना रूस को नानी याद दिला सकता है।
अमेरिका के प्लान के मुताबिक, रूसी सेना के कब्जा होने के बाद भी यूक्रेन की जेलेंस्की सरकार पोलैंड से चलती रहेगी। आपको बता दें कि रूसी सेना यूक्रेन पर तेजी से बढ़त बना रही है। अमेरिकी प्रशासन के सूत्रों के हवाले से खबर है कि यूक्रेन के सहयोगी देश निर्वासित सरकार के गठन में मदद कर सकते हैं ताकि देश में गुरिल्ला युद्ध को जारी रखा जाए। इससे पहले 4 मार्च को रूस की संसद के स्पीकर ने ऐलान किया था कि जेलेंस्की पोलैंड गए थे, हालांकि अभी इसकी पुष्टि नहीं हुई है। वहीं यूक्रेन के राष्ट्रपति कार्यालय ने यह बताना बंद कर दिया है कि जेलेंस्की कहां पर हैं।
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रूस के रक्षा मंत्रालय का दावा है कि यूक्रेन की सरकार देश के विभिन्न इलाकों में शासन नहीं कर पा रही है। इस बीच नाटो देश यूक्रेन को संगठन में शामिल करने पर चर्चा के लिए तैयार नहीं हैं और कीव अब 'गैर-नाटो मॉडल' पर चर्चा करने के लिए तैयार है। ये जानकारी यूक्रेन के एक अधिकारी ने दी है। एक इंटरव्यू में यूक्रेन प्रतिनिधिमंडल के सदस्य डेविड अरखामिया ने कहा कि 'नाटो देशों से हमें जो प्रतिक्रिया मिल रही है, वह यह है कि वे हमें नाटो में रखने पर चर्चा करने के लिए तैयार नहीं हैं। हम नाटो के आवेदनों के लिए नहीं लड़ेंगे, हम परिणाम के लिए लड़ेंगे लेकिन प्रक्रिया के लिए नहीं।'