राष्ट्रपति व्लोदोमीर जेलेंस्की ने अगर नाटो में शामिल होने का रट नहीं लगाया होता तो आज यूक्रेन को लोग पहले की तरह अपनी जिंदगी बिता रहे होते। लेकिन, अमेरिका, नाटो और पश्चिमी देशों ने यूक्रेन को अपने फायदे के लिए ऐसा बरगलाया कि वो नाटो में शामिल होने के लिए अपने अभियान तेज करने लगा। जिसपर रूस ने साफ तौर पर कहा था कि, अगर वो नाटो में गया तो उसे मजबूरन यूक्रेन को रोकने के लिए सैन्य कार्यवाई करनी होगी। अंत में हुआ भी यही। जंग के शुरू होते ही रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने साफ तौर पर कहा था कि, जो भी देश बीच में आएगा उसे भी इसका खामियाजा भुगतना होगा। इसके बाद भी अमेरिका-नाटो-पश्चिमी देश यूक्रेन को पूरी तरह से मदद कर रहे हैं। वैसे भी ये जंग इतने दिनों तक पश्चिमी देशों के चलते चल रही है। क्योंकि, ये यूक्रेन को बंदूक, गोला, बारूद, हथियार, टैंक, तोप, मिसाइले यहां तक कि आर्थिक रूप से भी मदद कर रहे हैं। इस बीच अमेरिका जो कदम उठाने जा रहा है उसके चलते ये जंग और भी तेज हो सकती है। इसके साथ ही कहीं ऐसा न हो कि यूक्रेन दुनिया के नक्शे से ही मिट जाए।
खबर है कि, अमेरिका जल्द ही रूस से लड़ने के लिए यूक्रेन को अपने लड़ाकू विमान भेजने वाला है। अगर अमेरिका ने ऐसा किया तो ये जंग और भी जेत हो जाएगी। वैसे ही इस जंग के चलते दुनिया में कई संकट पैदा हो गया है और अब इसका खतरा और भी ज्यादा हो सकता है। ऐसा भी हो सकता है कि अगर अमेरिकी लड़ाकू विमान रूस के खिलाफ उतारे गए तो रूस भी परमाणु हमला कर सकता है। खैर ऐसी नौबत न ही आए तो अच्छा है क्योंकि, इसका असर पूरी दुनिया पर होगा और विश्व युद्ध 3 के होने की संभावना काफी हद तक बढ़ जाएगा। वैसे अमेरिका की ओर से ये कदम ऐसा समय उठाया जा रहा है, जब रूस और यूक्रेन के बीच शुक्रेवार को मध्यस्थता में बड़ा करार हुआ है। जब भी दोनों देशों के बीच मध्यस्थता की बात आती है अमेरिका इस आग में घी डालने का काम करता है। इससे पहले भी वो जब भी मध्यस्थता की बात हुई है इती तरह का कोई न कोई कदम उठाया है।
व्हाइट हाउस के प्रवक्ता ने कहा है कि, यह कदम तत्काल नहीं उठाया जाएगा यानी यह साफ है कि आने वाले दिनों में अमेरिकी लड़ाकू विमान यूक्रेन में तैनात हो सकते हैं। अमेरिका व नाटो देश यूक्रेन की परोक्ष मदद पहले से कर रहे हैं। फिलहाल अमेरिका में निर्मित लड़ाकू विमान भेजने की संभावना पता लगाई जा रही है। यदि अमेरिका ने इसकी इजाजत दी तो रूस इससे और खफा हो सकता है। इस जंग में यूक्रेन को अब तक भारी नुकसान झेलना पड़ा है। रूस ने यूक्रेन के कई शहरों पर कब्जा कर लिया है।