जिस दिन रूस ने यूक्रेन पर हमला बोला था उसी दिन पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान पुतिन से मिलने मॉस्को पहुंचे थे। वहां पहुंचते ही उन्होंने कहा कि, मैं कितने सही समय पर आया है, जंग का लुफ्त उठाएंगा। इमरान खान के मॉस्को पहुंचने के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने अपने एक बयान में पाकिस्तान का नाम न लेते हुए कहा कि, जो भी देश रूस की मदद करेगा वो उसे बर्बाद कर देंगे। उनका यह इशारा पाकिस्तान की ओर था। अब अमेरिका ने पाकिस्तान की बर्बादी की कहानी लिखनी शुरू कर दी है। जिसके बाद इमरान खान सरकार की मुश्किलें और भी बढ़ने वाली हैं।
दरअसल, अमेरिका की सत्तासीन डेमोक्रेटिक पार्टी के दो प्रभावशाली सांसदों ने पाकिस्तान से यूक्रेन में रूस के चल रहे सैन्य अभियानों की निंदा करने की मांग की है। उनका कहना है कि पाकिस्तान संयुक्त राष्ट्र महासभा (यूएनजीए) में दो मार्च को हुए मतदान से दूर रहा था। इसलिए अमेरिका इस्लामाबाद के फैसले और युद्ध के दौरान प्रधानमंत्री इमरान खान की पहली मॉस्को यात्रा से निराश हैं। US में पाक राजदूत मजीद खान को लिखे एक पत्र में, सांसद टेड डब्ल्यू ल्यू और टॉम मालिनोव्स्की ने कहा कि प्रधानमंत्री खान का फरवरी में मॉस्को की यात्रा का निर्णय यूक्रेन की क्षेत्रीय अखंडता की पुष्टि करने और रूस को हमलावर करार देने के अंतरराष्ट्रीय समुदाय के प्रयासों के विपरीत है।
पत्र में अमेरिकी सांसदों ने कहा है कि, ऐसे समय में, जब दुनिया यूक्रेन के समर्थन में एकजुट हो रही थी, तब मॉस्को की अपनी यात्रा के साथ आगे बढ़ने का खान का निर्णय यूक्रेन की क्षेत्रीय अखंडता की पुष्टि करने के लिए, और रूस को हमलावर बुलाए जाने के अंतरराष्ट्रीय समुदाय के प्रयासों के विपरीत था। इसके आगे उन्होंने कहा कि, हम आपकी सरकार के दो मार्च को संयुक्त राष्ट्र महासभा में हुए मतदान से दूर रहने के निर्णय से निराश हैं। हमें इस बात की भी निराशा है कि प्रधानमंत्री इमरान खान ने यूक्रेन पर आक्रमण के बाद रूस के साथ द्विपक्षीय व्यापार समझौतों की घोषणा की।