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अमेरिका की चीन को दो टूक, कहा- खैरियत चाहते हो तो Russia की मत करना मदद, वरना इतना बड़ा प्रतिबंध लगाऊंगा कि…

अमेरिका की चीन को दो टूक

अमेरिका, नाटो और पूरे पश्चिमी देशों के धमकी के बाद भी आज ही के दिन रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने यूक्रेन पर मिलेट्री ऑपरेशन का ऐलान किया था। जिसे पश्चिमी शों ने जंग नाम दिया। अमेरिका धमकी देता रहा और इधर रूस ने यूक्रेन पर हमला बोल दिया। जब बात सामने की आई तो अमेरिका पीछे जाकर खड़ा हो गया और कहने लगा कि वो यूक्रेन के लिए रूसी सैनिकों के खिलाफ अपनी सेना को मैदान पर नहीं उतारेगा। लेकिन, रूस के ऊपर कड़े से कड़े आर्थिक प्रतिबंध लगाएगा। अमेरिका और नाटो यही चाहते ही थे कि रूस यूक्रेन पर हमला बोले और वो रूस के खिलाफ आर्थिक प्रतिबंद लगा कर उसे तोड़ने का काम शुरु कर दें। इसके साथ ही अमेरिका दुनिया भर को भी यह धमकी दे रखा है कि किसी भी देश ने रूस की मदद की तो वो उसे बरबाद कर देगा। इस जंग को लेकर खुफिया और अमेरिकी रिपोर्टों का कहना है कि चीन रूस की अंदर ही अंदर मदद कर रहा है। जिसे लेकर जो बाइडन ने कहा है कि, अगर चीन ने रूस की मदद की तो उसे भारी आर्थिक परिणाम भुगतने होंगे।

जंग के बीच अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन यूरोप के दौरे पर हैं। बढ़ते भू-राजनीतिक तनाव के बीच, अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने गुरुवार को कहा कि उन्होंने अपने चीनी समकक्ष शी जिनपिंग को स्पष्ट कर दिया है कि यदि चीन रूस को किसी तरह की सहायता प्रदान करता है तो उसके संभावित गंभीर आर्थिक परिणाम होंगे। उन्होंने कहा कि, चीन द्वारा रूस को सहायता प्रदान करने की संभावना के विषय पर पिछले सप्ताह चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ उनकी "बहुत सीधी बातचीत" हुई थी। उन्होंने गुरुवार को ब्रसेल्स में नाटो मुख्यालय में नाटो शिखर सम्मेलन और ग्रुप ऑफ सेवन मीटिंग के बाद एक संवाददाता सम्मेलन के दौरान यूक्रेन पर रूसी आक्रमण पर ये टिप्पणी की।

इसके साथ ही अमेरिकी राष्ट्रपति ने यह भी कहा कि,  उन्होंने कोई धमकी नहीं दी, लेकिन यह स्पष्ट कर दिया कि शी रूस की मदद करने के परिणामों को समझते हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा कि उन्होंने रूस के व्यवहार के परिणामों की ओर इशारा किया, और बताया कि चीन ने पश्चिम के साथ मजबूत आर्थिक संबंध विकसित करने की इच्छा जाहिर की थी। बाइडेन ने कहा कि उन्होंने शी से कहा, वह अपने उन लक्ष्यों को बड़े खतरे में डाल देंगे, अगर वास्तव में, आगे बढ़ना चाहते हैं। इसके आगे बाइडने कहा कि, मुझे लगता है कि चीन समझता है कि उसका आर्थिक भविष्य रूस की तुलना में पश्चिम से कहीं अधिक निकटता से जुड़ा हुआ है। और इसलिए मुझे उम्मीद है कि वह उसमें शामिल नहीं होगा। इसके अलावा, बाइडेन ने पिछले शुक्रवार को चीनी राष्ट्रपति के साथ हुई बातचीत के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि चीन ने पश्चिम के साथ मजबूत आर्थिक संबंध विकसित करने की मांग की थी।