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खालिस्तानी आतंक को बड़ा झटका, ब्रिटेन का चरमपंथ के ख़िलाफ़ कड़ा रुख

ब्रिटेन के सुरक्षा मंत्री टॉम तुगेंदट भारतीय रक्षा मंत्री एस.जयशंकर

आयुष गोयल

Another blow to Khalistanis:खालिस्तानी आतंकवादी गतिविधियों के लिए एक और झटका के रूप में ब्रिटेन के सुरक्षा मंत्री टॉम तुगेंदट ने खालिस्तान समर्थक अलगाववाद से उत्पन्न ख़तरे को लेकर लंदन की समझ को बढ़ाने के लिए 95,000 पाउंड के निवेश की घोषणा की है।

ब्रिटेन में खालिस्तानी समर्थक तत्वों की बढ़ती गतिविधियों पर भारत में बढ़ती चिंताओं के बीच इस नई फ़ंडिंग की घोषणा की गयी है। भारत ने भारतीय उच्चायोग के अधिकारियों को धमकी देने वाले खालिस्तानी कट्टरपंथियों के ख़िलाफ़ निर्वासन सहित कड़ी कार्रवाई की मांग उठायी है।

सुरक्षा पहल पर द्विपक्षीय सहयोग को बढ़ावा देने और G-20 की भ्रष्टाचार विरोधी मंत्रिस्तरीय बैठक में भाग लेने के लिए आये तुगेंदट इस समय भारत में हैं। उन्होंने भारत-ब्रिटेन संबंधों पर चर्चा के लिए विदेश मंत्री एस जयशंकर से मुलाक़ात की और उनका राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल से मिलने का कार्यक्रम है। तुगेंदट ने ट्वीट किया, “दोस्तों के साथ वापस आना हमेशा अच्छा होता है। हमारे पास चर्चा करने के लिए बहुत कुछ है और एक साथ करने के लिए बहुत सारा काम है।”

उच्चायोग ने कहा, “गुरुवार को नई दिल्ली में भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर के साथ एक बैठक के दौरान तुगेंदट ने खालिस्तान समर्थक चरमपंथ से निपटने के लिए यूके की क्षमता बढ़ाने के लिए नई फंडिंग की घोषणा की।”

इसमें कहा गया है कि 95,000 पाउंड का निवेश “खालिस्तान समर्थक चरमपंथ” से उत्पन्न ख़तरे के बारे में सरकार की समझ को बढ़ायेगा, जो संयुक्त चरमपंथ टास्क फोर्स के माध्यम से यूके और भारत के बीच पहले से चल रहे संयुक्त कार्य का पूरक होगा।

जयशंकर ने बैठक के बाद कहा, “आज दोपहर ब्रिटेन के राज्य मंत्री टॉम तुगेनधाट से मिलकर अच्छा लगा। इस बात पर चर्चा की गई कि भारत और यूनाइटेड किंगडम अपने साझेदारों को कैसे अधिक समसामयिक और उत्पादक बना सकते हैं। वर्तमान वैश्विक परिदृश्य हमारे संबंधों को विकसित करने के कई अवसर प्रदान करता है।”

तुगेंदट ने कहा, “भारत और यूके के बीच जीवंत पुल हमारी गहरी और स्थायी दोस्ती को दर्शाता है। दुनिया के सबसे पुराने और सबसे बड़े लोकतंत्र के रूप में हमारे पास दुनिया को एक सुरक्षित और अधिक समृद्ध गुंज़ाइश बनाने के लिए कई साझा अवसर हैं। हमारे दोनों देशों के बीच गहरी साझेदारी का मतलब है कि हम उन सुरक्षा ख़तरों से अधिक प्रभावी ढंग से निपट सकते हैं, जिनका हम दोनों सामना करते हैं। मैं उग्रवाद – चाहे वह किसी भी रूप में हो,उसके ख़िलाफ़ हमारी समझ और क्षमताओं को बढ़ाने के लिए मिलकर काम करने के लिए प्रतिबद्ध हूं।”

उन्होंने कहा,“भ्रष्टाचार हमारी समृद्धि को भी नुक़सान पहुंचाता है, हमारे समाज को नुकसान पहुंचाता है और हमारी राष्ट्रीय सुरक्षा को ख़तरे में डालता है। वैश्विक लचीलेपन को मज़बूत करने और इसके संक्षारक प्रभाव को कम करने के लिए भारत की अध्यक्षता में G-20 भ्रष्टाचार विरोधी मंत्रिस्तरीय बैठक में भाग लेने पर मुझे ख़ुशी हो रही है।”

शनिवार को होने वाली G-20 बैठक के लिए कोलकाता जाने से पहले तुगेंदहाट का बाल यौन शोषण और दुर्व्यवहार के साथ-साथ धोखाधड़ी से उत्पन्न संयुक्त चुनौतियों पर चर्चा करने के लिए केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) के मुख्यालय का दौरा करने का कार्यक्रम है।