तालिबान के आने से पहले पाकिस्तान आरोप लगाता था कि भारत अफगानिस्तान में बैठ कर बलूचिस्तान और खैबर पख्तूनवा में हमले करवाता है, लेकिन तालिबान को सत्ता पर बिठाने के बाद भी पाक आर्मी पर हमले और बम धमाकों में कोई कमी नहीं आई है। इसका ताजा उदाहरण पिरांजर में बलूच लिब्रेशन आर्मी का हमला है। बलूच लिब्रेशन आर्मी ने पाकिस्तानी फौजी पार्टी पर भीषण हमला किया है। इस हमले लगभग एक दर्जन फौजी मारे जाने की खबर है। ये हमला रॉकेटों से किया गया है। इसके अलावा आईडीडी ब्लास्ट भी किया गया है।
डीजी आईआईपीआर की ओर से अभी तक इस हमले के बारे में कोई बयान जारी नहीं किया गया है। लेकिन पाकिस्तानी फौज के एक अफसर ने हमले की बात कबूली है। बीएलए ने दावा किया है उन्होंने पाकिस्तानी के दर्जन भर से ज्यादा फौजी मार गिराए हैं। बीएलए ने कहा कि पाकिस्तान की ये फौजी पार्टी बलूच लोगों की हत्या करने आई थी। बलूचों के खिलाफ पाकिस्तानी फौज अक्सर ऑपरेशन चलाती रहती है। घरों से मर्दो को बाहर निकाल कर तलाशी लेते हैं और महिलाओं के साथ जबरन बलात्कार करते हैं। घर के मर्दों के विरोध पर आतंकी बता कर गोली मार देते हैं।
जब से अफगानिस्तान में तालिबान आए हैं तब से बलूचों के अलावा टीटीपी के हमले भी बढ़ गए हैं। अब पाकिस्तान प्रधानमंत्री इमरान खान और आर्मी चीफ जनरल बाजवा उहापोह में हैं कि अब इन हमलों से कैसे निपटा जाए और कैसे अब इनका दोष भारत के सिर मढा जाए। बलूच और टीटीपी के निशाने पर पाकिस्तानी आर्मी और चाईना के वो प्रोजेक्ट हैं जो सीपेक के तहत पाकिस्तान में चलाए जा रहे हैं। इसका एक नतीजा यह भी है कि चीन ने पाकिस्तान सरकार से नाराजगी जाहिर की है और सीपेक में हो रही देरी पर कुछ प्रोजेक्ट्स से हाथ वापस खींच लेने की धमकी भी दी है।