रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध का आगाज लगभग हो चुका है। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने एक्शन लेते हुए प्रतिबंधों की घोषणा की। बाइडेन ने कहा कि रूस, पश्चिमी देशों के साथ और व्यापार नहीं कर पाएगा। हमारे पास कई कदम हैं जो उठाए जाने हैं। उन्होंने कहा कि हम दोनों देशों के बीच जारी विवाद को सुलझाने की कोशिश करते रहेंगे। अमेरिका को उम्मीद है कि इन प्रतिबंधों से रूस आक्रमण करने से पहले थोड़ा सोच-विचार करेगा। बाइडेन को यकीन है कि अगर प्रतिबंध को गंभीरता से लिया जाए तो रूस युद्ध के विचार को त्याग सकता है।
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इसलिए बाइडेन को एक ऐसे शख्स की तलाश थी, जो प्रतिबंध लगाने की जिम्मेदारी को बखूबी संभाल सके। ऐसे में बाइडेन ने ये जिम्मेदारी एक भारतीय को सौंपी है। इस भारतीय इनका नाम दलीप सिंह हैं। भारतीय मूल के अमेरिकी नागरिक दलीप सिंह अंतरराष्ट्रीय अर्थशास्त्र के लिए उप राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार और राष्ट्रीय आर्थिक परिषद के उप निदेशक हैं। बीते कुछ दिनों में वह वाइट हाउस के प्रेस कक्ष में दूसरी बार नजर आए हैं। वाइट हाउस की प्रेस सचिव जेन साकी ने कहा कि दलीप सिंह को लोगों की मांग पर वापस लाया गया है, क्योंकि सिंह बाइडन प्रशासन में रूस नीति पर महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं।
दलीप सिंह ने अपने संबोधन में कहा- 'यूक्रेन पर रूस का हमला शुरू हो गया है और इसके साथ ही हमने जवाब देना भी आरंभ कर दिया है। आज राष्ट्रपति बाइडन ने तेजी से प्रतिक्रिया दी और सहयोगी देशों के साथ तालमेल कर फैसला लिया। यह गति और समन्वय ऐतिहासिक था… एक निर्णायक प्रतिक्रिया देने में महीनों और हफ्तों का समय लगा।' दलीप सिंह ने आगे कहा कि जर्मनी के साथ पूरी रात चली बातचीत के बाद रूस की नॉर्ड स्ट्रीम-2 प्राकृतिक गैस की पाइपलाइन का संचालन नहीं होगा। उन्होंने कहा कि रूस के नियंत्रण वाली इस पाइपलाइन में 11 अरब अमेरिकी डॉलर का निवेश अब बेकार हो जाएगा और इससे रूस को नुकसान होगा। उन्होंने कहा कि इसके अलावा रूस के बैंकों और बड़े व्यवसायियों पर भी आर्थिक प्रतिबंध लगाए गए हैं।