पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को आखिरकार सत्ता से बाहर कर दिया गया है। लेकिन, उनके इस्तीफे को लेकर खूब ड्रामा चला। खान ने अपनी पूरी ताकत लगा दी कि वो किसी तरह सत्ता में बन रहे हैं और उन्हें इस्तीफा न देना पड़े लेकिन, अंत में उनकी हार हुई। इस बीच एक बड़ा खुलासा हुआ है कि, जब वो इस्तीफा नहीं दे रहे थे तो ISI चीफ ने उन्हें थप्पड़ जड़ दिया था। कुछ मीडिया रिपोर्टों में यह दावा किया जा रहा है कि, इरमान खान के घर पहुंचे ISI चीफ ने उन्हें इस्तीफा देने के लिए कहा लेकिन, जब वो ना-नुकुर करने लगे तो उन्होंने खान को जमकर थप्पड़ मार दिया।
दरअसल, जब इमरान खान अपने पद से नहीं हटेंगे तब उनसे मिलने हेलिकॉप्टर से सेना से जुड़े दो खास लोगों उनका घर पहुंचे। 9 अप्रैल की रात खान के बनीगाला में मौजूद घर के लॉन में एक हेलिकॉप्टर उतरा। इसमें दो अहम शख्स थे। इन्होंने इमरान से अलग कमरे में मुलाकात की और इस दौरान इस्तीफा देने के लिए कहा। तभी इमरान खान भड़क गए और बदजुबानी पर उतर आए। दावा किया जा रहा है कि, नाफरमानी से तमतमाए एक शख्स ने इमरान के गाल पर जोरदार थप्पड़ जड़ दिया। इसके बाद उन्होंने अपने पद से इस्तीफा दे दिया।
इसकी जानकारी पाकिस्तान के सोशल मीडिया पर गुपचुप तौर पर सामने आ रही थी, फिर तीन बड़े पाकिस्तानी पत्रकारों आरजू काजमी, सलीम साफी और असद अली तूर ने काफी हद तक तस्वीर साफ कर दी। सवाल उठे कि इमरान खान की बाईं आंख के नीचे चोट का निशान कैसे आया? वो दो दिन तक क्यों हर जगह सनग्लासेस लगाए दिखे। इसके बारे में तो, 14 अप्रैल को फौज के प्रवक्ता ने नेशनल मीडिया पर इस बारे में सफाई तक दी।
असद अली तूर के मुताबिक ये तय हो चुका था कि इमरान के पास बहुमत नहीं है और उनकी सरकार गिरना तय है। इस पर भी खान न तो वोटिंग के लिए तैयार थे और न इस्तीफे के लिए। सुप्रीम कोर्ट का ऑर्डर भी ताक पर रख दिया। इससे इमरान को प्रधानमंत्री बनाने वाली फौज की इमेज खराब हो रही थी। 9 अप्रैल की रात करीब 9 बजे उसने खान के पास पैगाम भेजा- इमरान खान साहब आप इस्तीफा दे दें। इसके आगे उन्होंने कहा कि- इरमान ने फौज का ऑर्डर मानने के बजाय विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी को आर्मी जनरल कमर जावेद बाजवा के पास एक संदेश लेकर भेजा। जिसमें कहा गया कि, प्रधानमंत्री वोटिंग कराने या इस्तीफा देने के लिए तैयार नहीं है। वो नेशनल असेंबली भंग करके चुनाव कराना चाहते हैं। फौज ने इसी सख्ती से नामंजूर करते हुए कहा कि, सुप्रीम कोर्ट का ऑर्डर फॉलो करना ही पड़ेगी। जिसके बाद यहीं से बात बिगड़ गई।
इस दौरान यह भी खबर आई की। पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान जनरल बाजवा को बर्खास्त करके पूर्व ISI चीफ और अपने खास दोस्त जनरल फैस हमीद को आर्मी चीफ बनाना चाहते थे। हमीद को आईएसआई से हटाने के मामले पर ही पिछले साल अक्टूबर में बाजवा और इमरान खान के रिश्ते बिगड़े थे और इसके बाद और भी बिगड़ते चले गए। सलीम साफी का कहना है कि- खान ने डिफेंस सेक्रेटरी को बुलाकर बाजवा की बर्खास्तगी और फैज हमीद को नया आर्मी चीफ बनाए जाने के नोटिफिकेशन तैयार करा लिया। इन पर सिर्फ नोटिफिकेशन नंबल लिखना बाकी थी। 9 अप्लैक की रात इमरान लॉन में किसी से फोन पर बात करने निकले। आर्मी इंटेलिजेंस ने यह कॉल इंटरसेप्ट कर ली। इसके बाद संसद में वोटिंग टालने के लिए स्पीकर और डिप्टी स्पीकर तमाम गैर संवैधानिक पैंतरे आजमा ही रहे थे कि, रात करीब 11 बजे रावलपिंडी के आर्मी हेडक्वार्टर से एक हेलिकॉप्टर ने उड़ान भरी जिसमें, ISI चीफ लेफ्टिनेंट जनरल नदीम अंजुम और आर्मी चीफ जनरल बाजवा थे। कुछ दी देर में वो बनीगाल के लॉन में उतर गया और दोनों लोग वहां पहुंच गए जहां खान अपने तीन करीबियों के साथ मौजूद थे। आईएसआई चीफ ने इमरान खान से इस्तीफा देने के लिए कहा, इमरान खान ने इनकार कर दिया और बदजुबानी पर उतर गए। रिपोर्टों में यह दावा किया जा रहा है कि, बहस इतनी बढ़ गई कि ISI चीफ नदीम अंजुम को गुस्सा आ गया और उन्होंने न आव देखा और न ताव खींचकर इमरान खान के बाएं गाल पर एक थप्पड़ जड़ दिया।
इसके बाद ISI चीफ ने इमरान खान से दो टूक कहते हुए कहा कि, हमें सब मालूम चल चुका है और वोटिंग करावो वरना अंजाम बहुत बुरा होगा। अंजुम और बाजवा ने सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस उमर अता बांदियाल और इस्तामाबाद हाईकोर्ट के सख्त मिजाज चीफ जस्टिस अतहर मिनाल्लाह को मामले की जानकारी दी। दोनों ने अपने-अपने कोर्ट आधी रात को खोल दिए। इस वकील ने मिनाल्लाह के सामने जनरल बाजवा की बर्खास्तगी को रोने से संबंधित पिटीशन दायर कर दी। इसके बाद स्पीकर और डिप्टी स्पीकर ने इस्तीफे दे दिए। नवाज शरीफ की पार्टी आयज सदिक स्पीकर की कुर्सी पर बैठ गए और वोटिंग शुरू हो गई और इमरान खान की सरकार गिर गई।
वहीं, 10 अप्रैल को तड़के करीब 4 बजे इस्लामाबाद के 4 आलीशान मकानों पर आर्मी ने रेड मारी। इसमें से एक मकान इमरान खान की पार्टी PTI की सोशल मीडिया विंग के चीफ अर्सलाल खालिद का था। इस बात की जानकारी पाकिस्तान पत्रकार आमना और जफर नकवी ने दी। उन्होंने कहा कि, यहां ते आर्मी ने तमाम मोबाइल, लैपटॉप्स और डिजिटल डायरीज जब्त की गईं। दावा किया गया कि, इमरान की साजिश थी कि सोशल मीडिया के जरिए फौज को बदनाम किया जाए। इस, मामले में आर्मी ने अब तक 12 लोगों को गिरफ्तार किया है। इंटेलिजेंस ब्यूरो के चीफ और इमरान के प्रिंसीपल सेक्रेटरी आजम खान देश छोड़कर जा चुके हैं। आने वाले दिनों में कुछ और लोगों की गिरफ्तारी हो सकती है।