पाकिस्तान की सत्ता में काफी हेर-फेर के बाद शाहबाज शरीफ ने प्रधानमंत्री की कुर्सी पर कब्जा जमा लिया है। पाकिस्तान की नई सरकार कई चुनौतियों का सामना कर रही है। देश इस वक्त कंगाली की राह पर है। आतंकियों का हमला बढ़ गया है। साथ ही विश्व कर्ज का बोझ भी देश पर लगातार बढ़ता जा रहा है। इस बीच शाहबाज शरीफ सरकार के लिए एक और बड़ी चुनौती आ गई है। दरअसल, सरकार का गठन होते ही गठबंधन में दरारें पड़नी शुरू हो गई हैं। प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ के फैसले से कई मंत्री नाराज चल रहे हैं और अब एक बार फिर से पाकिस्तान की राजनीति में बड़ भूचाल देखने को मिल सकता है। वहीं, पीपीप के अध्यक्ष बिलावल भुट्टों जरदारी बगावत पर उतरने के बाद वो लंदन नवास शरीफ से मिलने चले गए। जिसके बाद अब खबर आ रही है कि अगले एक से दो दिन में फिर से सत्ता में बड़ा बदलाव देखने को मिलने वाला है।
पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) के अध्यक्ष बिलावल भुट्टो जरदारी अगले एक से दो दिन में पाकिस्तान के विदेश मंत्री पद की शपथ लेंगे। पीपीपी के एक वरिष्ठ नेता ने शनिवार को इसकी पुष्टि की। इससे प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ के नेतृत्व वाली सरकार में गठबंधन के सभी सहयोगियों के बीच सब कुछ सामान्य न होने की अटकलों पर विराम लग गया। पाकिस्तान में विदेश मंत्री पद की दौड़ में सबसे आगे चल रहे बिलावल ने मंगलवार को शपथ नहीं ली थी।
मीडिया में आ खबरों की माने तो, पीपीपी नेता और कश्मीर एवं गिलगित-बाल्टिस्तान से जुड़े मामलों में पाक प्रधानमंत्री के सलाहार कमर जमान काइरा ने लंदन में संवाददातओं से बातचीत में इस बात की पुष्टि की है कि बिलावल एक से दो दिन के भीतर विदेश मंत्री पद की शपथ लेंगे। उन्होंने पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज के प्रमुख नवाज शरीफ से मुलाकात की। जिसके बाद यह फैसला लिया गया। दोनों नेताओं के बीच इस दौरान पाकिस्तान के पूरे राजनीतिक हालात पर चर्चा की थी और सियासत व राष्ट्रीय हित से जुड़े मुद्दों पर मिलकर काम करने का संकल्प लिया।