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बोरिस जॉनसन के बयान से China-Pak को लग सकती है मिर्ची, भारत को बताया सबसे बड़ा…

बोरिस जॉनसन के बयान से China-Pak को लग सकती है मिर्ची

प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन के भारत दौरे को लेकर इसका आधिकारिक एलान कर दिया गया है। जॉनसन की यात्रा गुजरात के शहर अहमदाबाद से शुरू होगी और इसके बाद वे 22 अप्रैल को दिल्ली में प्रधानमंत्री मोदी से मुलाकात करेंगे। जॉनसन का यह दौरा भारत-ब्रिटेन मुफ्त व्यापार समझौते (एफटीए) वार्ताओं में 26 चैप्टर में से चार के सफलतापूर्वक पूरे होने के बाद हो रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और जॉनसन इसकी प्रक्रिया के पूरे होने की एक टाइमलाइन पर चर्चा करेंगे। शुरुआती तौर पर इसके इस साल पूरा करने की योजना बनाई गई थी। जॉनसन द्वारा नई विज्ञान, स्वास्थ्य और प्रौद्योगिकी परियोजनाओं के साथ-साथ भारत में प्रमुख उद्योगों में बड़े निवेश की घोषणा करने की उम्मीद है।

ब्रिटिश प्रधानमंत्री के आधिकारिक आवास व कार्यालय, डाउनिंग स्ट्रीट के मुताबिक, भारत की यात्रा के दौरान जॉनसन अपने भारतीय समकक्ष नरेंद्र मोदी के साथ 'गहन वार्ता' करेंगे। जॉनसन की पहली भारत यात्रा 21 अप्रैल को गुजरात के अहमदाबाद से शुरू होगी, जो प्रधानमंत्री मोदी का गृह राज्य है। वहीं, जॉनसन ने कहा है कि, भारत की मेरी यात्रा उन चीजों पर खरी उतरेगी, जो दोनों देशों के लोगों के लिए वास्तव में मायने रखती हैं। इनमें रोजागर सृजन और आर्थिक विकास से लेकर ऊर्चा सुरक्षा एवं रक्षा तक के मुद्दे शामिल हैं। उन्होंने कहा कि, चूंकि हम तानाशाह मुल्कों से अपनी शांति और समृद्धि को खतरे का सामना कर रहे हैं, इसलिए यह अह है कि लोकतांत्रिक एवं मित्र देश एकजुट रहें। एक प्रमुख आर्थिक शक्ति और सबसे बड़े लोकतंत्र के रूप में भारत अनिश्चितता के इस दौर में ब्रिटेन के लिए एक बेहद महत्वपूर्ण रणनीतिक साझेदार है।

बता दें कि, ऐसा पहली बार हो रहा है जब ब्रिटेन के कोई प्रधानमंत्री भारत के पांचवें सबसे बड़े राज्य और ब्रिटेन में लगभग आधी ब्रिटिश-भारतीय आबादी के पैतृत घर गुजरात का दौरा करेंगे। वहीं, उम्मीद यह भी है कि, अपनी गुजरात यात्रा के दौरान वो कुछ बड़ी घोषणा भी कर सकते हैं। इसके बाद वो पीएम मोदी से 22 अप्रैल को नई दिल्ली में मुलाकात करेंगे। पीएम मोदी के साथ वो भारत की रणनीतिक रक्षा, राजनयिक और आर्थिक साझेदारी पर गहन बातचीत करेंगे, जिसका उद्देश्य हमारी करीबी साझेदारी को मजबूत करना और भारत-प्रशांत में सुरक्षा सहयोग को आगे बढ़ाना है।