अमेरिका, नाटो और यूरोपीय देश एक ओर यूक्रेन की मदद करने की बात को कह रहे हैं लेकिन दूसरी ओर खुलकर सामने आने से कतरा रहे हैं। कहीं न कहीं उन्हें भी पता है कि रूस के खिलाफ जाना उनके लिए बड़ी मुसिबत से कम नहीं होगा। अब ब्रिटेन ने इस जंग से अपना हाथ चुपके से पीछ खींच लिया है और प्रधानमंत्री पोरिस जॉनसन का साफ करना है कि वो रूस के खिलाफ नहीं जाएंगे। ऐसे में अब यूक्रेन एक बार फिर से यूद्ध के मैदान में अकेला हो गया है।
अमेरिका, नाटो और यूरोपीय देश यूक्रेन की परदे के पीछे से मदद कर रहे हैं। सामने आने से ये सारे देश कतरा रहे हैं। युद्ध शुरू होने से पहले बड़ी-बड़ी बात करने वाले देशों ने यह तक कहा था कि इस जंग में यूक्रेन पर हमला हुआ तो रूस को उनके सैनिकों से भी सामना करना होगा। लेकिन, युद्ध शुरू होते ही ये सारे देश पलट गए है अपने सैनिकों को यूक्रेन में उतारने से साफ मना कर दिया। सबसे पहले तो अमेरिका ने ही हाथ पीछे खिंचते हुए कहा था कि वह, यूएस आर्मी को यूक्रेन में रूस के खिलाफ नहीं उतारेगी और अब तो ब्रिटेन ने भी कह दिया है कि, वो अपनी सेना को रूस के खिलाफ नहीं उतारेगी।
यूक्रेन के लिए यह किसी बड़े निराशा से कम नहीं है। ब्रिटिश प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने मंगलवार को अपनी सेना को रूस के खिलाफ उतारने से इनकार कर दिया है। जॉनसन ने कहा कि हम यूक्रेन में रूसी सेना से नहीं लड़ेंगे। ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने शुक्रवार को उत्तरी अटलांटिक संधि संगठन (नाटो) के सदस्य देशों के नेताओं से कहा था कि यूक्रेन पर रूस द्वारा हमला करने के लिए, उनका देश जल्द ही रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव पर प्रत्यक्ष प्रतिबंध लगाएगा। ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने यूक्रेन के नागरिकों के रिश्तेदारों को ब्रिटेन का वीजा देने की पेशकश की है। जॉनसन ने घोषणा की है कि रूसी आक्रमण के बाद देश छोड़ रहे यूक्रेन के ऐसे लोग ब्रिटेन में आ सकते हैं जिनके परिवार के सदस्य पहले से ही ब्रिटेन में बसे हुए हैं।
डाउनिंग स्ट्रीट ने कहा कि इससे उन हजारों लोगों को लाभ होगा जो इस समय अपने भविष्य के बारे में विकल्प तलाश रहे हैं। हालांकि, जॉनसन ने यह जरूर कहा कि, यूक्रेन में संकट की इस घड़ी में ब्रिटेन मुंह नहीं मोड़ेगा। हम यूक्रेन के उन लोगों की मदद करने के लिए हरसंभव आर्थिक और सैन्य सहायता प्रदान कर रहे हैं जो अपने देश की रक्षा के लिए सबकुछ खतरे में डाल रहे हैं।'