लंदन में निर्वासित जीवन जी रहे MQM पाकिस्तान के लीडर अलताफ हुसैन को कोर्ट ने दोषमुक्त करार दे दिया है। पाकिस्तान की इमरान सरकार ने उन पर जो भी आरोप लगाए थे। उन सभी को खत्म कर दिया है। लंदन कोर्ट का यह फैसला इमरान खान सरकार के लिए बहुत बड़ा झटका और पाकिस्तान में अलगाववादी जय सिंधु आंदोलनकारियों के लिए जश्न का दिन है।
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— Mirza (@Mirza45994191) February 15, 2022
जय सिंध आंदोलन पिछले कई सालों से पाकिस्तान से अलग नया देश सिंधुस्थान बनाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं। पाकिस्तान की सैन्यबल और पुलिस इन आंदोलनकारियों के साथ ठीक वैसा ही बर्बर बर्ताव करते हैं। सिंधियों के साथ बलात्कार, हत्या और अत्याचार वैसे ही किए जाते हैं जैसे बलूचिस्तान में हो रहे हैं। इसलिए बलोच और सिंधी दोनों अलग देश के लिए पाकिस्तान सरकार के साथ अलग राष्ट्र के लिए संघर्ष कर रहे हैं। अलताफ हुसैन के दोष मु्क्त होने से पाकिस्तान के टूटने की प्रक्रिया और तेज हो जाएगी।
लंदन कोर्ट में अलताफ हुसैन को बरी किए जाने की खबर से पाकिस्तान सरकार इतनी खौफजदा है कि उसने अलताफ हुसैन की खबरों को छापने-दिखाने या सोशल मीडिया पर शेयर करने पर पाबंदी लगा दी। कराची सहित सिंध प्रांत के सभी शहरों में रेंजर्स को उतार दिया गया है। वहीं अलताफ हुसैन के समर्थक और जय सिंधुस्थान राष्ट्र आंदोलनकारियों ने जश्न मनाने की तैयारियां शुरू कर दी हैं। कराची प्रेस क्लब के सामने भी सुरक्षाबलों का व्यापक इंतजाम किया गया है। 2016 में अलताफ हुसैन के टेलिफोनिक संबोधन के बाद ही एमक्यूएम के समर्थकों ने कराची प्रेस क्लब से ही पाकिस्तान सरकार के खिलाफ बिगुल फूंका था।
पाकिस्तान की तत्कालीन सरकार ने इसी टेलिफोनिक संबोधन को आधार बनाकर लंदन में अलताफ हुसैन के खिलाफ आतंकविरोधी धाराओं में मुकदमा दर्ज करवाया था। ब्रिटेन में पाकिस्तानी उच्चायोग ने अलताफ हुसैन को दोषी ठहराने और सजा याफ्ता कराने के लिए ऐड़ी-चोटी का जोर लगा दिया था। लेकिन मामले की सुनवाई कर रही 10 जजों की ज्यूरी में से 8 ने अलताफ हुसैन पर लगे सभी आरोपों को निराधार बताते हुए बरी कर दिया।