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Chandrayaan-3 की कामयाबी पर ब्रिटिश मीडिया ने उगला ज़हर, भारतियों ने दिया यह मुँह तोड़ जवाब

भारत का ‘चंद्रयान-3’ (Chandrayaan-3) 14 जुलाई को लॉन्च किया गया था। 23 अगस्त को इसने चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव में सॉफ्ट लैंडिंग की। इस उपलब्धि को भारत का लौहा कई देशों ने माना पर ब्रिटेन की मीडिया ने इस पर जहर उगला है। ब्रिटिश मीडिया की मानें तो चंद्रयान-3 की सफलता के बाद भी भारत को यह नहीं भूलना चाहिए कि उसे किस हद तक विदेशों से आर्थिक मदद मिलती है। साथ ही साथ भारत अपनी गरीबी को भूलकर चंद्रयान-3 (Chandrayaan-3) की सफलता का जश्‍न मना रहा है। जैसे ही ब्रिटिश मीडिया की तरफ से ये बातें कही गईं, भारतीयों की तरफ से उसकी क्‍लास लगा दी गई।

भारतियों ने दिया यह मुँह तोड़ जवाब

भारतीयों ने आईना दिखाते हुए कहा कि वो भूल चुके हैं कि वो कैसे हमारे देश से कोहिनूर जैसी अनमोल चीजों को लूटकर ले गए थे। अब चंद्रयान-3 (Chandrayaan-3) की सफलता के साथ ही ब्रिटेन से कोहिनूर हीरा वापस करने की मांग उठने लगी है। यह सारा बवाल बुधवार को उस समय से शुरू हुआ जब जीबी न्‍यूज के एंकर पैट्रिक क्रिस्‍टी ने अपने शो में कहा कि भारत को ब्रिटेन से साल 2016 से 2021 के बीच 2.3 अरब पाउंड की मदद मिली है। पैट्रिक ने इसके साथ ही चीन का नाम भी लिया जो अपना आर्टिफिशियल चांद बनाने की तैयारी में है।

पैट्रिक का कहना था कि अगर भारत इस तरह के मिशन को अंजाम दे सकता है तो फिर उसे विदेशी मदद लेने की क्‍या जरूरत है। हालाकि यूके की स्पेस एजेंसी (यूकेएसए) सहित कई लोगों ने भारत को बधाई भी दी है। ब्रेक्सिट पार्टी के पूर्व एमईपी बेन हबीब की मानें तो ब्रिटेन अभी भी एक ऐसे देश को पैसा दे रहा है जिसकी अर्थव्यवस्था हमारी तुलना में बहुत कम है।

कोहिनूर वापस करो

गुस्साए भारतीय एक्स (ट्विटर) यूजर्स ने पैट्रिक और बाकी ब्रिटिश मीडिया से कोहिनूर की वापसी की मांग की। कई लोगों ने कोलंबिया यूनिवर्सिटी प्रेस की तरफ से आई एक रिपोर्ट का भी हवाला दिया। इस रिपोर्ट में बताया गया है कि ब्रिटेन ने अपने औपनिवेशिक शासन के दौरान भारत से जो रकम लूटी वह आश्चर्यजनक रूप से 45 अरब डॉलर थी। रिपोर्ट अर्थशास्त्री उत्सा पटनायक द्वारा लिखी गई थी, जिन्होंने कहा था कि ईस्ट इंडिया कंपनी और ब्रिटिश राज ने सन् 1765 और 1938 के बीच 9.2 ट्रिलियन पाउंड (या 44.6 ट्रिलियन डॉलर) लूटे थे। यूजर्स ने इस राशि की तरफ इशारा किया। कुछ ने कहा कि 9.2 ट्रिलियन पाउंड या 44.6 ट्रिलियन डॉलर में से 2.3 बिलियन पाउंड की कटौती कर लो और जो बच जाता है उसे वापस करने की अपील की।

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