China-Taiwan Tension: चीन इस वक्त ताइवान (China-Taiwan Tension) पर कब्जा करने के लिए पूरी तरह से तैयार बैठा हुआ है। ये जंग अगर हुई तो ताइवान के बीच नहीं बल्कि चीन और अमेरिका बीच होगी। क्योंकि, अमेरिका का साफ कहना है कि अह ड्रैगन ने ताइवान (China-Taiwan Tension) पर हमला किया तो वो उसकी रक्षा करेगा। चीन पहले से ही कहते आ रहा है कि अमेरिका, ताइवान के मामलों पर बोलना बंद करे क्योंकि, वो उसका हिस्सा है और वो जब चाहेगा तब ताइवान को अपने में मिला लेगा। चीन लगातार ताइवान के डिफेंस जोन में घुसकर सैन्यभ्यास कर उसे डराने की कोशिश कर रहा है। लेकिन, इस बीच ताइवान ने चीन को करारा झटका देते हुए उसके एक संदिग्ध ड्रोन UAV को मार गिराया है। ऐसे में माना जा रहा है कि, कहीं यही जंग का कारण न बन जाए।
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ताइवान के किनमेन डिफेंस कमांड ने कहा कि किनमेन के पास एक अज्ञात सिविल ड्रोन को मार गिराया है। यह पहली बार है जब ताइवानी गोलीबारी में एक संदिग्ध चीनी ड्रोन नीचे गिरा है। इससे पहले ताइवान ने किनमेन द्वीप में घुसने का प्रयास कर रहे एक चीनी ड्रोन पर पहली बार वॉर्निंग शॉट्स दागे थे जो इस तरह की पहली घटना थी। अमेरिका चीन के खिलाफ ताइवान का खुलकर समर्थन कर रहा है जिससे स्वशासित देश का आत्मविश्वास चरम पर है जिसकी तसदीक 2023 के लिए प्रस्तावित ताइवान का रक्षा बजट करता है। ताइवान के रक्षा मंत्रालय ने प्रतिबंधित जल के ऊपर उड़ रहे एक सिविल ड्रोन को मार गिराने की पुष्टि की है। एक दिन पहले बुधवार को चीन के पत्रकार हू शिजिंग ने एक ट्वीट में लिखा था, ‘ताइवान के सैनिकों को चेतावनी: मेनलैंड के ड्रोन को कभी नीचे न गिराएं। संभवतः वे नागरिकों से संबंधित हो सकते हैं। लेकिन अगर उन्हें नीचे गिराया गया तो पीएलए ताइवान पक्ष के खिलाफ जवाबी कार्रवाई करने और जवाब देने के लिए बाध्य होगी। ऐसे में ताइवान ने इस ड्रोन को गिरा तो दिया है लेकिन, ड्रैगन आगे क्या करेगा कुछ नहीं पता। हालांकि चीन को अच्छे से पता है कि अगर वो ताइवान पर हमला करता है तो उसे सबसे ज्यादा नुकशान होगा।
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बता दें कि, पिछले दो दिनों से चीन के चार सिविल ड्रोन के ताइवानी हवाई क्षेत्र में घुसपैठ करने के बाद किनमेन डिफेंस कमांड ने चार बार गोलीबारी की है। चीन की ओर से ग्रे जोन रणनीति में बढ़ोत्तरी को ताइवान के अधिकारी बीजिंग के ‘Cognitive Warfare’ के हिस्से के रूप में देख रहे हैं जिसका उद्देश्य ताइवानी सेना की क्षवि और सरकार में लोगों के विश्वास को कमजोर करना है। ताइवान की राष्ट्रपति त्साई इंग वेन ने सेना से संयम रखने के लिए कहा है लेकिन उनका कहना है कि ‘इसका यह मतलब बिल्कुल नहीं है कि ताइवान की सेना जवाब नहीं दे सकती। एक सैन्य प्रवक्ता की माने तो, ये ड्रोन चीनी तट के पास ताइवान नियंत्रण वाले किनमेन ड्वीप में दाखिल होने की कोशिश कर रहा था जिसके बाद गोलीबारी हुई और वो वापस चीन के क्षेत्र में लौट गया।