Taiwan: चीन इस वक्त ताइवान (Taiwan) पर कब्जा करने के लिए पूरी तरह से तैयार बैठा हुआ है। ये जंग अगर हुई तो ताइवान के बीच नहीं बल्कि चीन और अमेरिका बीच होगी। क्योंकि, अमेरिका का साफ कहना है कि अह ड्रैगन ने ताइवान (Taiwan) पर हमला किया तो वो उसकी रक्षा करेगा। चीन पहले से ही कहते आ रहा है कि अमेरिका, ताइवान के मामलों पर बोलना बंद करे क्योंकि, वो उसका हिस्सा है और वो जब चाहेगा तब ताइवान (Taiwan) को अपने में मिला लेगा। अब ताइवान को लेकर तनाव एक बार फिर से बढ़ गया है। क्योंकि, अमेरिका के दो युद्धपोत ताइवान के पास के समुद्री क्षेत्र ताईवान स्ट्रेट से गुजरे। ऐसे में ड्रैगन बुरी तरह भड़क उठा है।
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दरअसल, अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल की स्पीकर नैंसी पेलोसी के दौरे के समय भड़के चीन ने ताइवान के आसपास के समुद्री क्षेत्र में कई दिनों तक सैन्य अभ्यास किया था। इस दौरान उसने ताइवान को डराने की कोशिश की थी। उसका निशाना इसके जरिए अमेरिका पर भी था। अब ताइवान के पास से अमेरिकी युद्धपोत गुजरने के बाद से चीन फिर बड़क उठा है। पेलोसी के दौरे के बाद ऐसा पहली बार हुआ है जब अमेरिका ने इस क्षेत्र में अपने युद्धपोत भेजे हैं।
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अमेरिका के दो युद्धपोत गुजरने के बाद चीन ने प्रतिक्रिया दी है। चीनी सेना की ओर से कहा गया है कि वह अमेरिका के इन युद्धपोतों पर नजर रख रहा है। चीनी सेना ने यह भी कहा है कि वो इस पूरे मामले को देखते हुए हाईअलर्ट पर रहेगी। उसने कहा है कि जरूरत पड़ने पर वो जरूरी कार्रवाई करेगी। अमेरिका ताइवान के आसपास वाले समुद्री क्षेत्र से अपने दो युद्धपोत यूएसएस एंटीटम और यूएसएस चांसलर्सविल गुजारे हैं। अमेरिकी प्रतिनिधि सभा की अध्यक्ष नैंसी पेलोसी के अगस्त के मध्य में ताइवान की यात्रा करने के बाद पहली बार अमेरिकी नौसना के दो युद्धपोत रविवार को ताइवान जलडमरूमध्य से गुजरे। इस जलडमरूमध्य को लेकर पहले से व्याप्त तनाव के बीच यूएस सेवंथ फ्लीट ने बताया कि यूएसएस एंटीटम और यूएसएस चांसलर्सविल नियमित यात्रा कर रहे हैं।