पाकिस्तान और चीन के बीच दोस्ती की वजह सिर्फ भारत है। दोनों को भी भारत खटकता है और दोनों ही भारत में दहशत फैलाना चाहते हैं। पाकिस्तान के पास आतंकियों की पूरी फौज है। ऐसे में चीन पाकिस्तान के साथ अपना संबंध शुरुआत से ही मधुर करके रखा हुआ है। हालांकि, जब भी मौका मिलता है तो ड्रैगन पाकिस्तान की नस दबाते हुए अपने कदमों तक ले आता है। इस वक्त चीन छोटे देशों को अपनी कर्ज जाल में फंसा रहा है इसमें पाकिस्तान भी शामिल है। पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था को चीन अपने हाथों में लेना चाहते हैं जिससे पूरे मुल्क का कंट्रोल उसके हाथो में रहे। इस वक्त पाकिस्तान में चीन अपने कई प्रोजेक्ट पर काम कर रहा है और इसी दौरान चीनी नागरिकों पर हमलें भी खूब हुए हैं। जिसे लेकर चीन ने पाकिस्तान की आर्मी को चेतावनी दी है।
चीन ने पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा से बलूचिस्तान क्षेत्र में चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे परियोजनाओं पर काम कर रहे अपने नागरिकों पर हमले रोकने के लिए कहा है। बता दें कि, पाकिस्तान में चीनी नागरिकों को लगातार निशाना बनाए जाने के बीच इस्लामाबाद पुलिस ने केंद्रीय पुलिस कार्यालय (सीपीओ) में कर्मचारियों और रसद के साथ विदेशी सुरक्षा सेल स्थापित करने का फैसला किया है। बैठक में बलूच समूहों की ओर से चीनी नागरिकों पर हमलों पर भी चर्चा की गई।
पाकिस्तान में भू-राजनीतिक मुद्दे सामने आए हैं, क्योंकि बलूच विद्रोह शांति और स्थिरता के लिए लगातार खतरा बना हुआ है। बलूच विद्रोही लगातार सीपीईसी बुनियादी ढांचा परियोजनाओं, जैसे गैस पाइपलाइन और बिजली टावरों को निशाना बना रहे हैं, क्योंकि वे चीन को साम्राज्यवादी शक्ति के रूप में मानते हैं, जो पाकिस्तान सरकार के साथ-साथ बलूचिस्तान के प्राकृतिक संसाधनों को लूटना चाहता है। इसके साथ ही पाकिस्तान और चीन ने इन परियोजनाओं को शुरू करने से पहले कहा था कि, यहां के लोगों को रोजगार का असवर मिलेगा। लेकिन, असल में हुआ कुछ नहीं। इसके अलावा भी कई अन्य मुद्दों को लेकर बलूच की जनता में आक्रोश है। जिसके चलते चीन के नागरिकों पर हमले होते रहे हैं।