China और Taiwan में लगातार तनाव बरकरार है। वहीं, विशेषज्ञों का कहना है कि चीनी सेना ने पिछले दशक भर में अपनी मिसाइल शक्ति का विस्तार किया है। ऐसे में उसके बेड़े में कई आधुनिक मिसाइलें तैनात की गई हैं। ये मिसाइलें ताइवान और उसके सहयोगियों को निशाना बना सकती हैं।
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबित चीन ताइवान पर हमले की पूरी तैयारी में है। चीनी नौसेना की ओर से ताइवान की घेराबंदी के बाद चीन ने अपनी मिलाइलों का मुंह ताइवान की ओर मोड़ दिया है। इसमें चीन के DF-17 बैलिस्टिक मिसाइलें भी है,इस मिसाइल से दुनिया का सबसे पावरफुल देश अमेरिका भी सहम गया है। अमेरिकी सैन्य अधिकारियों के मुताबिक उसके पास DF-17 जैसी अत्याधुनिक मिसाइल की कमी है।
वहीं, चीन का मानना है कि DF-17 मिसाइल हाइपरसोनिक स्पीड से उड़ान भर सकती है। यह मीडियम रेंज की बैलिस्टिक मिसाइल है। इसकी रेंज 1250 से 1800 किमी के बीच बताई जाती है। DF-17 मिसाइल परंपरागत वॉरहेड के अलावा परमाणु हमला करने में भी सक्षम है।
ताइवान की ओर DF-17 मिलाइल का रुख
एक रिपोर्ट के मुताबिक चीन की लिबरेशन आर्मी रॉकेट फोर्स ताइवान के पास व्यापक रूप से DF-17 मध्यम दूरी की बैलिस्टिक मिसाइलों को तैनात कर रही है। साथ ही ताइवान के पास दक्षिणपूर्वी प्रांतों में रॉकेट फोर्स ब्रिगेड अपनी कम दूरी की बैलिस्टिक मिसाइलों को अपग्रेड कर रहा है।
छोटी दूरी वाली मिसाइलों की जगह DF-17
चीन की आधुनिक डीएफ-17 बैलिस्टिक मिसाइलें धीरे-धीरे कम दूरी की मिसाइलों की जगह ले रही हैं। उन्होंने कहा कि रॉकेट फोर्स के 61वें बेस में डीएफ-17 की तैनाती के साथ, पीएलए पश्चिमी प्रशांत क्षेत्र में विदेशी सैन्य ठिकानों और बेड़े पर हमला करने की क्षमता हासिल करना चाहता है। वहीं, अमेरिकी खुफिया जानकारी के मुताबिक, चीनी हाइपरसोनिक ग्लाइड व्हीकल (HGV) पर लगाए जाने पर ये मिसाइलें 1,800-2,500 किमी की दूरी तय कर सकती हैं।
हाइपरसोनिक DF-17 आवाज से पांच गुना तेज उड़ सकती है
हाइपरसोनिक ग्लाइड व्हीकल किसी मिसाइल को ले जाते समय ध्वनि की गति से पांच गुना अधिक तेज उड़ सकता है। वायुमंडल में उड़ान भरने के दौरान ऐसी मिसाइलें रडार की पकड़ में नहीं आती हैं। इसकी मुख्य वजह इनकी तेज स्पीड और अपारंपरिक उड़ान पथ होता है।
जानकारों की माने तो DF-17 से जुड़ा HGV, मैक 5 और मैक 10 के बीच की गति के साथ अमेरिका की THAAD, SM-3 और पैट्रियट मिसाइल सिस्टम जैसे एयर डिफेंस सिस्टम को चकमा दे सकता है।
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