नेपाल के लिए इन दिनों चीन सिरदर्द बनते जा रहा है। केपी शर्मा ओली की ही सरकार से चीन लगातार नेपाल की सीमाओं में घुसपैठ कर रहा है लेकिन, ओली के चीनी प्रेम ने इसे नजरअंदाज कर दिया। नेपाल जैसे देश को जब दुनिया की ओर से सहायता मिलता है तो उसी को चीन लूटने पर लगा हुए हैं। यहां पर चीन अपनी कई सारी रणनीतियां लागू करना चाहता है। हाल की दिनों में एक रिपोर्ट आई थी जिसमें बताया गया था कि, नेपाल में चीन काफी अंदर घुस आया है। यहां तक कि एक पैराणिक मंदीर में नेपाल के लोग पुजा-अर्चना करने जाते थे जिसे चीन ने अपने कब्जे में लेकर यहां पर अपनी सेना तैयान कर दिया है। वहां के लोग जब दर्शन करने के लिए गए तो इन्हें चीनी सैनिकों ने रोक दिया। अभी नेपाल सरकार चीन से परेशान थी ही कि अब चीनी जालसाजों भी कड़ी चुनौती बन रहे हैं। इन्हें लेकर नेपाल ने भारत को आगाह किया है और कहा है कि, इनके रडार पर भारतीय नागरिक हैं।
दरअसल, इन दिनों नेपाल में रह रहे चीन के जालसाज सरकार के लिए सिरदर्द बनते जा रहे हैं। ऐसे में नेपाल सरकार ने बड़ा कदम उठाते हुए इनकी जांच शुरू करने के आदेश दिए हैं। जिसके बाद, नेपाल आव्रजन विभाग ने चीनी नागरिकों की अवैध गतिविधियों से निपटने के लिए पुलिस के साथ मिलकर बड़ी जांच शुरू कर दी है। पिछले सात वर्षों में अवैध रूप से रह रहे 1,468 चीनी नागरिकों को निर्वासित किया गया है। बावजूद इसके चीनी जालसाज अपनी चाल से बाज नहीं आ रहे हैं। इस काम में चीनी जालसाज नेपाल के नागरिकों को लालच देकर उनका भी सहयोग हासिल करते हैं। बीते 22 अप्रैल को नेपाली अधिकारियों ने 22 संदिग्ध चीनी नागरिकों को पकड़ा था। उनके पास से 35 लैपटॉप, 675 मोबाइल फोन सेट और 760 नेपाली सिम कार्ड जब्त किए गए। जिसकी जांच अभी तक जारी है। अभी नेपाल के पास इस तरह के सीमा-पार ऑनलाइन लेनदेन की जांच करने के लिए कोई कारगर तकनीक नहीं है। इसी का लाभ चीनी नागरिक उठाते हैं।
साल 2020 में नेपाल सरकार ने 233 चीनी नागरिकों को अवैध गतिविधियों में शामिल होने के लिए देश से निर्वासित किया था। इसमें से 48 को तय अवधि से अधिक समय तक रहने के लिए जबकि 185 लोगों को विभिन्न अन्य अपराधों में शामिल होने के कारण निर्वासित किया गया था। इसके साथ ही ये चीनी जालसाज ठगी के साथ कई अन्य प्रकार की अवैध गतिविधियों में लिप्त हैं। पिछले कुछ सालों में इनकी गतिविधियां तेज हुई हैं। इनमें कुछ मानव तस्करी, सोने की तस्करी और नकली मुद्रा व पासपोर्ट रखने के आरोप में भी गिरफ्तार किए जा चुके हैं। नए मामले में पुलिस ने बिते दिनों ही गरिफ्तार किए दो चीनी और 100 से अधिक नेपाली नागरिकों ने बातचीत में खुलासा किया कि वे ऑनलाइन लोन का झांसा देकर भारत के नागरिकों को अपने जाल में फंसाते थे। इस बात की पुष्टि काठमांडू के पुलिस अधिकारियों ने भी की थी। इसके पहले भी पुलिस इस तरह के कई रैकेटों का खुलासा कर चुकी है।