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इस्लाम का ठेकेदार नहीं नासूर है Pakistan! मुहर्रम में Gilgit-Baltistan के शिया समुदाय पर हमला, 2 की मौत, 17 घायल

मोहर्रम शुरु होते ही गिलगित बाल्टिस्तान में पाकिस्तान का खूनी खेल

पाकिस्तान अंदर से पूरी तरह खोखला हो चुका है, दूसरों मुल्कों पर उंगली उठाने वाले इस पाकिस्तान की हालत इतनी खराब है कि इसे पहले अपने बारे में सोचना चाहिए लेकिन, ये अपनी आदतों और हरकतों से बाज नहीं आने वाला। अब तो पाकिस्कान में ही मुस्लिम ही आपस में लड़ने लगे हैं। पाकिस्तान इस वक्त गिलगित बाल्टिस्तान और पाकिस्तान ऑक्यूपाइड कश्मीर में लोगों की जिंदगी नर्क बना दिया है। यहां पर पाकिस्तान की आर्मी छोटी-छोटी बच्चियों के साथ रेप करते हैं और किसी भी वक्त किसी को भी उठा ले जाती है। बाद में उनकी लास तक नहीं मिलती। यहां कि हालात ऐसी करने वाला पाकिस्तान दूसरे देशों के मामलों में घुसने से बाज नहीं आता। यहां तक कि उसे अपनी हरकतों को लिए कई बार वैश्विक मंच पर बेइज्जती का सामना करना पड़ता है। अब धर्म की बात करें मुस्लिमों का ठेकदार बना पाकिस्तान सबसे ज्यादा अपने ही लोगों के लिए खतरा है। मतलब इस्लाम को अगर सबसे ज्यादा खतरा है तो वो है पाकिस्तान। इस्लाम के नाम पर पाकिस्तान जो जहर बो रहा है उससे किसी और को नहीं बल्कि मुस्लिम समुदाय को ही खरता है। यह बात खुद पाकिस्तान के एक मौलवी कह चुके हैं। यहां पर मोहर्रम की शुरुआत होते ही खून की होली शुरू हो गई है। पाकिस्तान के अवैध कब्जे वाले गिलगित बाल्टिस्तान क्षेत्र में दो धार्मिक समूहों के बीच जमकर खूनी हमले हुए। जिसमें 2 लोगों की मौत हो गई है और 17 अन्य घायल हो गए हैं। जिनकी मौत हुई हो वा शिया समुदाय के लोग हैं।

पाकिस्तान में शिया समुदाय पर हमला कोई पहली बार नहीं हुई है। पिछले साल भी जब मुहर्रम में जब शिया समुदाय ने जुलूस निकाला था तो उस दौरन बम ब्लास्ट हुआ था। जिसमें कई लोगों की मौत हुई और 50 से अधिक लोग धायल हुए थे। सुन्नी बहुल पाकिस्तान में अल्संख्यक शिया समुदाय पर हमले आम होते जा रहे हैं। अब अवैध कब्जे वाले गिलगित बाल्टिस्तान में पाकिस्तान वैसे ही लोगों की जिंदगी के साथ खूनी खेल रहा है और अब मुहर्रम के पाक महीने में भी पाकिस्तान अपनी घटिया हरकतों पर उतर आया है।

इस्लामिक महीना मोहर्रम की शुरुआत के दौरान दो पाकिस्तान के अवैध कब्जे वाले गिलगित बाल्टिस्तान क्षेत्र में धार्मिक समूहों के बीच टकराव में कम से कम दो लोगों की मौत हो गई जबकि 17 अन्य घायल हो गए। एक पाकिस्तानी मीडिया के अनुसार गिलगित उपायुक्त कार्यालय के निकट यादगार चौक पर रविवार को यह घटना उस समय हुई जब गिलगित बाल्टिस्तान के एक शीर्ष शिया नेता मोहर्रम की शुरूआत के मौके पर खोमार चौक पर हजरत इमाम हुसैन का झंडा फहरा रहे थे।

पुलिस अधिकारियों का कहना है कि, मोहर्रम के महीने की शुरूआत के मौके पर गिलगित बाल्टिस्तान के शीर्ष शिया नेता अगा राहत हुसैन अल हुसैनी खोमार चौक पर हजरत इमाम हुसैन का अलाम (झंडा) लहरा रहे थे तभी दो समूहों के बीच यह झड़प हुई। इस झड़प में शिया समुदाय के दो लोगों की मौत हो गई। वहां गोलीबारी भी हुई, जिसमें 17 अन्य लोग घायल हो गये। उन्हें इलाज के लिए पास के अस्पताल में ले जाया गया है।

वहीं, गृह सचिव इकबाल हुसैन खान ने इस घटना को लेकर कहा है कि, इसमें कथित रूप से शामिल 44 संदिग्धों को गिरफ्तार कर लिया गया है। इसके साथ ही, गुप्तचर सूचना के आधार पर अन्य लोगों की गिरफ्तारी की जाएगी। गिलगित बाल्टिस्तान के मुख्यमंत्री खालिद खुर्शीद खान ने कहा कि मुठ्ठी भर लोग शहर की शांतिपूर्ण वातावरण को खराब करना चाहते हैं। उन्होंने लोगों से शांति बनाए रखने और सरकार के साथ सहयोग करने की अपील की। उन्होंने कहा कि अगले दो हफ्ते के लिए इलाके में धारा 144 लागू कर दी गई है। खान ने बताया कि घटना में मारे गए दो लोगों के परिवारों को मुआवजे के रूप में प्रत्येक को 10 लाख रुपए का भुगतान किया जाएगा। साथ ही घायलों को 300,000 रुपए का भुगतान किया जाएगा।